Finland कैसे बना रहता है खुशहाल देश
पढ़ाई पर जीडीपी का सात प्रतिशत है खर्च
फिनलैंड साठ लाख से भी कम आबादी वाला लेकिन बेहतरीन इनोवेटिव एजुकेशन वाला देश हैं. पढ़ाई का शुल्क नहीं लिया जाता है और पहली प्राथमिकता कांसेप्ट क्लीयर पर ज्यादा ध्यान होता है. 99 प्रतिशत साक्षरता वाले इस देश में सभी किशोर शत प्रतिशत शिक्षित हैं. इसकी शिक्षा रैंकिंग लगातार बेहतरीन रही है. हालांकि फिनलैंड जीडीपी का सात प्रतिशत तक खर्च करता है लेकिन उसका सिस्टम और पढ़ाने का तरीका इतना अच्छा है कि यूरोप में सबसे ज्यादा ग्रेजुएशन की दर यहां पर है.
खुशी भरे माहौल में सिखाते हुए स्कूल छात्रों की स्वतंत्रता का हामी रहा है. छात्रों को में अच्छा इंसान बनाने, जिम्मेदार नागरिक बनाने और जीवन के कौशल देने पर यहां प्राइमरी स्कूल से ही ध्यान दिया जाता है. सरकार छात्रों से फीस वसूलने के बजाए उन्हें तय भत्ता भी देती है. स्कूल में भोजन भी बेहतरीन दिया जाता है और उसका भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता. यहां कम से कम नौ साल की स्कूलिंग करना ही होती है जिसमें कई भाषाएं सिखाई जाती हैं. वाद्य यंत्रों और गायन शैली में सबसे ज्यादा पढ़ाई की कोशिश की जाती है. खेल मैदान में रहने के लिए भी छात्रों को पर्याप्त मौका दिया जाता है और प्रकृति के बीच रहकर उसकी शांति को महसूस करना भी बचपन से ही सिखाया जाता है. शायद यही वजह है कि हर बार खुशी वाला इंडेक्स जब भी जारी होता है यह देश बेफिक्र होता है कि वह रहेगा तो टॉप पर ही.