June 21, 2025
लाइफस्टाइल

Europe का वह देश जो मिल जाता था किराए पर

जर्मनी से सीमा भी नहीं मिलती लेकिन बोली जर्मन ही जाती है यहां
आप होटल में कमरे किराए पर लेते हैं, रिसॉर्ट बुक कर लेते हैं या घरों में मेहमाननवाजी का लुत्फ लेते हें लेकिन यदि आपको एक अच्छे सुइ्ट से भी कम किराए में पूरा एक देश किराए पर मिल सके तो? यकीन करिए यह हकीकत रही है कि 2011 तक यूरोप में स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच बसा छोटा सा देश लिक्टेंस्टाइन 2011 तक बाकायदा एयरबीएनबी प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर रहा. कुल जमा 35000 की आबादी वाला यह छोटा सा देश दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों से भी काफी छोटा है लेकिन है बेहद खूबसूरत.

इस देश को मात्र सत्तर हजार डॉलर में एक रात के लिए किराए पर लिया जा सकता था. आपने जिस वजह से इस देश को किराए पर लिया हो उसकी जानकारी गलियों चौराहों पर चस्पा कर दी जाती थी और यहां मौजूद किलों के अंदर जाने का एक्सेस इसी किराए में शामिल होता था. जबकि इतना किराया तो सिर्फ इसी बात का लिया जा सकता था कि यहां के किंग खुद आकर आपको चाबी सौंपें. हर किराए पर लेने वाले को खुद जाबी देते राजा के साथ आप तस्वीरें भी ले सकते थे और फिर पूरे देश में घूमना तो आपका हक हो ही जाना था. मुश्किल यह कि अब इसे इस तरह किराए पर देना बंद कर दिया गया है लेकिन कोशिशें अब भी चालू हैं कि 2011 में बंद की गई यह सेवा फिर चालू हो जाए और यदि ऐसा हो तो पूरा देश किराए पर लेने का लुत्फ लेने वालों की कमी तो है नहीं. इस देश की और भी कई खासियतें हें जैसे यहां कोई सेना नहीं है और इसकी सीमा जर्मनी को नहीं छूती लेकिन यहां जर्मन भाषा ही ज्यादा बोली जाती है.