Black Plastic ये कंटेनर आपके स्वास्थ्य के दुश्मन हो सकते हैं
इनमें खाना रखना, गर्म करना और फ्रिज में रखना खतरनाक हो सकता है
सोशल मीडिया पर इन दिनों उन कंटेनर्स को लेकर बहस छिड़ी हुई है जो आपके फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जाते हैं यानी काले प्लास्टिक कंटेनर. फूड डिलीवरी बॉक्स और माइक्रोवेव में उपयोग किए जाने वाले इन काले प्लास्टिक डिब्बों पर कई सवाल हैं. इन कंटेनरों में मौजूद केमिकल गर्म, ऑयली या एसिडिक फूड के संपर्क में आकर खाने में मिलते हैं और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन कंटेनरों का उपयोग न करने की दी जाने लगी है हालांकि विशेषज्ञ इन दावों की पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन खतरों की संभावना से इंकार भी नहीं करते. ब्लैक प्लास्टिक में कार्बन ब्लैक जैसे कुछ केमिकल कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाले) हो सकते हैं.
यहां तक कि प्लास्टिक रसायन हार्मोनल असंतुलन का कारण भी बन सकते हैं. इनके माइक्रोप्लास्टिक्स के भोजन में मिलने की संभावना तो होती ही है कैंसर ही नहीं दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. ब्लैक प्लास्टिक के केमिकल्स ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और थायरॉयड का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. खासतौर पर जब भोजन गर्म हो. ऐसे कंटेनर में गर्म खाना रखने से माइक्रोप्लास्टिक्स उसमें घुलकर शरीर तक पहुंच सकते हैं जो न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी बढ़ा सकते हैं. कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि सिर्फ ब्लैक प्लास्टिक ही क्यों किसी भी प्लास्टिक में खाना स्टोर करने या गर्म करने से बचना चाहिए. माइक्रोवेव में प्लास्टिक कंटेनर में खाना गर्म करना ज्यादा मुश्किल खड़ी कर सकता है. इसके अलावा फ्रिज में प्लास्टिक बॉक्स में भोजन स्टोर करने से भी बचने की जरुरत है. स्टील, कांच और मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देना इन खतरनाक कंटेनर का अच्छा विकल्प हो सकता है. बाजार से ऐसे कंटेनर में लाए गए खाने को तुरंत बर्तनों में ट्रांसफर करें और इनमें खाना गर्म न करें. हालांकि ब्लैक प्लास्टिक से सीधा कैंसर होने जैसी कोई स्टडी नहीं है लेकिन इसके खतरों से इंकार नहीं किया जा सकता. ब्लैक प्लास्टिक का जितना ज्यादा इस्तेमाल आप करेंगे उतना ही जोखिम बढ़ेगा. इसलिए, सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के लिए प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और प्राकृतिक विकल्पों को अपनाएं.