15 Lakh Ton से अधिक के कार्बन फूटप्रिंट ओलिंपिक से
पेरिस ओलिंपिक के विरोध में हैं पर्यावरणविद और कुछ स्थानीय लोग
दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलिंपिक के लिए पेरिस में तैयारियां जोरों पर हैं और भव्य, रंगारंग और यादगार शुरुआत में कुछ ही घंटे बचे हैं लेकिन इस आयोजन को लेकर कुछ स्वर विरोध के भी उठ रहे हैं और इनमें सबसे मुखर स्वर हैं पर्यावरण हितैँषियों के जिनका कहना है कि अकेले पेरिस ओलिंपिक आयोजन से 15 लाख टन से ज्यादा का कॉर्बन फूटप्रिंट निकलने वाला है. यह अंदाजा भी मोटा अनुमान ही है क्योंकि 10500 से ज्यादा एथलीट और दुनियाभर के 30 हजार से ज्यादा पत्रकारों वाले इस जमावड़े में बीस लाख से ज्यादा लोग आने को तैयार बैठे हैं. ऐसे में सिर्फ हवाई यात्राओं के ही कॉर्बन की गणना करें तो मामला बड़ा हो जाता है. एक राय तो यह भी है कि ओलिंपिक को कुछ समय के लिए रोक दिया जाए ताकि दुनिया तक पर्यावरण प्रदूषण को लेकर बड़ा संदेश पहुंचाया जा सके. इस विचार का आगाज यहां से हुआ था कि क्या ओलिंपिक का आकार इतना बड़ा न होकर छोटा किया जाना चाहिए. इसके बाद तो सुझावों की झड़ी लग गई. कुछ सुझाव यह हैं कि इन्हें किसी एक जगह तयशुदा तौर पर कराना चाहिए ताकि हर बार इतना तामझाम न हो. फिलहाल तो ये सभी हिसाब लगाने को तैयार बैठे हें कि पूरे आयोजन में उनके हिसाब से ज्यादा कॉर्बन निकला या कम.
पेरिस वालों की अलग ही तैयारी
पेरिस ओलिंपिक की शुरुआत सीन नदी में तैराकी स्पर्धा से किए जाने तैयारी की गई है. यह नदी बहुत दूषित रही है और इसे साफ सुथरा रखने के प्रयास में पिछले 100 सालों से यहां तैराकी प्रतिबंधित है. सरकार ने वादा किया था कि ओलिंपिक से पहले इसे बिलकुल साफ कर लिया जाएगा और वादा निभाते हुए पेरिस की मेयर ने दो दिन पहले ही यहां पाानी में डुबकी लगाकर लोगों को संदेश दिया कि नदी अब एकदम साफ है. अब स्थानीय पेरिस निवासियों की मांग हे कि साफ हो चुकी नदी में तैराकी स्पर्धा कराई जाए. मांग करने तक तो ठीक था लेकिन अब कुछ लोगों ने धमकी दी है कि यदि इस नदी की सौ साल पुरानी पंरपरा तोड़कर तैराकी स्पर्धा कराई गई तो वे मैला बहाकर अपना विरोध जताएंगे.