Waynad में राहुल की राहें मुश्किल करने में जुटी हैं स्मृति
अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्ृमति ईरानी ने ठान लिया है कि वे सुरक्षित मानी जा रही राहुल गांधी की सीट को भी आसान नहीं रहने देंगी. यही वजह है कि राहुल के पर्चे भरने के साथ ही स्मृति वहीां पहुंच गईं और वहां अच्छा खासा दमखम दिखा दिया.पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्मृति ईरानी अपने अमेठी क्षत्र के साथ साथवायनाड के भी दौरे लगातार करती रहेंगी. चूंकि राहुल इसे आसान सीट मानकर ही पिछली बार यहां आए थे इसलिए भाजपा की रणनीति यही है कि इस सीट को भी उनके लिए आसान नहीं रहने दिया जाए और इस काम में उन्हें इस बात का भी अच्छा फायदा मिल रहा है कि वाम दल वायनाड से राहुल के खड़े होने पर बार बार प्रश्न उठा रहे हैं. वाम दलों का मानना है कि राहुल को किसी ऐसी सीट से लड़ना चाहिए था जहां पर भाजपा सीधी चुनौती में होती लेकिन उन्होंने वह सीट चुनी जहां भाजपा के मुकाबले वाम दलों का प्रभाव ज्यादा है और उनके जीतने की संभावना भी काफी है. केरल के मुख्यमंत्री से लेकर डी राजा तक कई वाम नेता राहुल के निर्णय पर नाराजी जता चुके हैं और यदि यह नाराजी वोटिंग तक कायम रहीती है तो भाजपा के लिए राहुल की राहें मुश्किल करना आसान काम हो जाएगा.