Closure Report में पुलिस ने कहा रोहत वेमुला दलित नहीं था, फर्जी प्रमाणपत्र जुटाया
जिस रोहित वेमुला की मौत पर सियासत संसद के अंदर तक सुलगती रही और जिसे विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था उसी की क्लोजर रिपोर्ट देते हुए पुलिस ने दावा किया है कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र रोहित वेमुला दलित ही नहीं था. रोहित की आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दायर करते हुए बंडारू दत्तात्रेय, महिला एवं बाल विकास स्मृति ईरानी मंत्री सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. इस रिपोर्ट में पुलिस की ओर से कहा गया है कि रोहित कीआत्महत्या के पीछे कई कारण थे जिनसे वह लगातार तनावग्रस्त रहता था. पुलिस ने कहा है कि राजनीतिक व्यस्तताओं के कारण पढ़ाई के मामले में वो पिछड़ चुका था और इस बात का भी उसे तनाव था. पुलिस का यह भी दावा है कि उसकी मां ने फर्जी अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाण पत्र की व्यवस्था की थी और जब यह सच सामने आने लगा तो भी रोहित के लिए मुश्किल बढ़ रही थीं. पुलिस दस्तावेज के अनुसार मृतक की पढ़ाई देखें तो लगता है कि वह पढ़ाई के बजाय कैंपस के राजनीतिक मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया करता था. उसने पहली पीएचडी पर 2 साल काम करने के बाद बंद कर दूसरी पीएचडी की कोशिश की और वह भी ज्यादा राजनीतिक झुकाव के चलते पूरी नहीं हो सकी. हालांकि क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के साथ ही इस मामले की नए सिरे से जांच की बात भी सामने आई है.