August 6, 2025
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Protem Speaker होंगे भ्रतहरि महताब, छह बार बीजेडी इस बार भाजपा से सांसद

कांग्रेस ने कहा आठ बार के सांसद के सुरेश को बनाना था

उड़ीसा से लगातार सातवीं बार संसद पहुंचे भाजपा सांसद भ्रतहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की घोषणा संसदीय कार्यमंत्री की ओर से कर दी गई है, किरण रिजिजू ने जैसे ही भ्रतहरि महताब का नाम इस पद के लिए रखा वैसे ही कांग्रेस ने उनका विरोध करना शुरु कर दिया और साथ ही के सुरेश को सबसे वरिष्ठ बताते हुए उनके नाम पर विचार के लिए बात की जाने लगी. दरअसल इस तरह का कोई नियम ही नहीं है कि सबसे ज्यादा बार संसद पहुंचा व्यक्ति ही प्रोटेम स्पीकर बनकर नए सांसदों को शपथ दिलाए. कांग्रेस महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने को संसदीय मानदंडों का उल्लंघन बता रही है लेकिन वह यह नियम नहीं बता पा रही है कि सुरेश किस नियम के तहत इस पद के दावेदार थे. दरअसल प्रोटेम स्पीकर का काम नियमित स्पीकर के न चुने जाने तक संसद के पीठासीन अधिकारी बतौर काम करना होता है और वे ही नए सांसदों को शपथ दिलाते हैं. संसदीय नियमावली के अनुसार, नई लोकसभा द्वारा स्पीकर की नियुक्ति होने तक स्पीकर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए राष्ट्रपति किसी सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाते हैं. सदस्यों को शपथ ग्रहण कराना इनका प्राथमिक काम है, तीन अन्य लोकसभा सांसद भी अन्य सांसदों को शपथ दिलाने के लिए नियुक्त होते हैं. सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर बनाना सुविधाजनक होता है क्योंकि वे नियमों को बेहतर जानते हें लेकिन यह जरुरी नहीं कि सबसे वरिष्ठ सांसद ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जाए. इसके अपवाद भी होते हैं. नई सरकार के गठन के बाद विधायी विभाग वरिष्ठ सांसदों की सूची संसदीय मामलों के मंत्री को भेजता है. प्रधानमंत्री की मंजूरी के बाद प्रोटेम स्पीकर व तीन अन्य सांसदों के नाम राष्ट्रपति तक जाते हैं और वहां से मंजूरी के बाद प्रोटेम स्पीकर घेाषित कर दिए जाते हैं
बीजेडी से छह बार, सातवीं बार भाजपा सांसद हैं महताब
8 सितंबर 1957 को ओडिशा के भद्रक में जन्में भ्रतहरि महताब का लंबा राजनीतिक करियर रहा है और उनके पिता, ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. एच महताब थे. नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल की स्थापना के समय से वे बीजेडी में थे लेकिन इस बार के चुनाव में उन्होंने अपनी बनाई पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और इस बार वे भाजपा सांसद बतौर संसद पहुंचे हैं. महताब, नवीन पटनायक के बेहद खास रहे हैं और माना जाता है कि पांडियन के दखल के बाद से ही उनका पटनायक के प्रति व्यवहार बदला.