August 6, 2025
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Om Birla चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, इमरजेंसी पर ‘मौन’ रखवाया

ओम बिरला फिर अध्यक्ष चुपन लिए गए. उनके सामने कांग्रेस ने इंडी उम्मीदवार के सुरेश को खड़ा किया था. के सुरेश आठ बार के सांसद हैं और कांग्रेस इस बात का लगातार विरोध कर रही थी कि भाजपा ने प्रोटेम अध्यक्ष बतौर उन्हें क्यों नामित नहीं किया. इसके बाद पक्ष और विपक्ष के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि इंडी गठबंधन उपाध्यक्ष पद अपने लिए चाहता था जबकि भाजपा और एनडीए का कहना था कि ऐसी किसी शर्त के आधार पर अध्यक्ष चुनना सहमति नहीं मानी जा सकती बल्कि यह एक समझौता ही कहलाएगा और अध्यक्ष पद सहमति से तय होना चाहिए. सुरेश का हारना तय था. चूंकि अध्यक्ष पद को लेकर आसानी से सहमति न बनने और चुनाव होने की स्थिति बन गई इसलिए अब डिपटी स्पीकर पद पर भी किसी सहमति की संभावना बेहद कम है. ओम बिरला के लिए यह लगातार दूसरा मौका है जब वे लोकसभा को बतौर अध्यक्ष चला रहे हैं. उन्हें चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री ने संक्षिप्त भाषण के साथ उन्हें बधाई दी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें संविधान की रक्षा करने की ‘सीख’ देते हुए बधाई दी. इस दौरान एक रोचक दृश्य तब बना जब राहुल और प्रधानमंत्री ने हाथ मिलाया. लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही अपने पूरे रौब दाब में दिखे और उन्होंने सदस्यों को व्यवहार से लेकर बोलने में मनमानी पर रोक तक पर तुरंत काम शुरु कर दिया. हरसिमरत कौर ने जैसे ही भाषण शुरु किया वैसे ही उन्हें टोककर कहा आप भाषण बाद में दीजिएगा. विपक्ष को अध्यक्ष ने अप्रत्याशित झटका यह दिया कि 25 जून 1975 को लागू की गई इमरजेंसी और उस दौराान हुए अत्याचारों की यायद में अध्यक्ष ने दो मिनट का मौन रखवा दिया.