Olympics 2024 और The Last Supper का मजाक
हंगामा है क्यूं बरपा
पेरिस में 2024 के ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी पर विवाद गहराते जा रहे हैं, ईसाई संगठनों का आरोप है कि इसमें ईसाईयत का जानबूझकर मजाक बनाने की कोशिश की गई है. पहले ही कई मुश्किलों से घिरे इस आयोजन में यह नया पेंच तब आया जब ओलिंपिक की ओपनिंग वाले कार्यक्रम में जीसस क्राइस्ट के ‘द लास्ट सपर’ को कलाकारों ने बेहूदा तरीके से पेश किया.
ख्यात चित्रकार लियोनार्डो डा विंसी की यदि मोनालिसा के बाद कोई सबसे ज्यादा चर्चित कृति है तो वह ‘द लास्ट सपर’ ही है. इस पेंटिंग में जीसस को अपने 12 अनुयायियों के साथ भोजन करते हुए दिखाया गया है. माना जाता है कि येरुशलम के माउंट सियोन में ही उन्होंने अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोजन किया था. भोजन के बाद उनके ही एक अनुयायी की धोखेबाजी के चलते उन्हें सूली तक का सफर करना पड़ा था, इसी सब को कुछ ट्रांसजेंडर और ड्रैग क्वीन्स के जरिए दिखाने की कोशिश ओलिंपिक की शुरुआत में की गई. सोशल मीडिया पर इस शो को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं जिनमें कहा जा रहा है कि यह सब शैतानी प्रवृत्ति का नतीजा नजर आ रहा है. जीसस को एक महिला के रूप में बताना और उनके अनुयायियों को क्रॉसडेसर दिखाना अजीब है. प्रश्न तो यह भी उठ रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रौं खुद कार्यक्रम में मौजूद थे तो क्या उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता था कि वहां क्या क्या होना है. कहा जाता है कि अंतिम भोज के दौरान ही जीसस ने ब्रेड के टुकड़े और वाइन अनुयायियों को देकर कहा था कि ये उनका शरीर और रक्त है जो वे दुनिया के लिए समर्पित कर रहे हैं.