Olympic खत्म होते होते अब पदकों को लेकर भी सवाल
महज एक हजार रुपए में बनवाया गया है कांस्य पदक

खेल प्रतियोगिताओं के पदक दशकों तक संभालकर रखे जाते हें क्योंकि वे सम्मान के लिए होते हैं लेकिन पेरिस ओलंपिक में जो पदक दिए गए हैं उनकी क्वालिटी को लेकर एक अलग ही विवाद खड़ा हो गया है. अमेरिका के स्केटबोर्डर नेजा ह्यूस्टन ने अपने कांस्य पदक को सोशल मीडिया पर डालते हुए बताया कि अभी जिस पदक को जीते मुझे 15 दिन ही हुए हैं और पदक की हालत ऐसी हो गई है.
हालांकि इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ओलंपिक की ओर से कहा गया है कि वे इसे बदल कर अच्छा कांस्य पदक देने को तैयार हैं और भी किसी खिलाड़ी को ऐसी दिक्कत हुई हो तो हम उसे भी बदल कर देंगे लेकिन इतने सबके बीच पदकों की क्वालिटी पर सवाल तो उठ ही चुके थे. इस बार पेरिस ओलंपिक में जो पदक खिलाड़ियों को दिए गए हैं उनमें एफिल टॉवर का लोहा भी शामिल किया गया है और माना जा रहा है कि इसी के चलते पदकों की क्वालिटी गड़बड़ हुई है.
जिस दिन ये गेम्स शुरु हुए उस दिन सोने और चांदी की कीमतों के हिसाब से देखें तो पता चलता है कि जो स्वर्ण पदक हैं वह कमेटी को लगभग एक हजार डॉलर के पड़े हैं यानी भारतीय करंसी में लगभग अस्सी हजार रुपए का एक. रजत पदक में 507 ग्राम चांदी और 18 ग्राम एफिल टॉवर का लोहा है, इस पदक को बनवाने की कीमत ओलंपिक संघ लगभग 41 हजार रुपए बताता है वहीं कांस्य पदक संघ को लगभग एक हजार रुपए में बनवाना पड़ा है. इसमें कांसे के अलावा लोहा और टिन भी शामिल किया गया है. जिस पदक की बात नेजा ने बात की है वह कांस्य पदक ही है जिस पर ओलंपिक संघ ने सबसे कम खर्च किया है और बनवाने में भी लापरवाही बरती है.