August 6, 2025
ट्रेंडिंग

Olympic में Gender की धोखाधड़ी भी नई नहीं है

एंजेला केरिनी और इमेन खेलिफ के बीच हुए मुक्केबाजी के मुकाबले के बाद यह धोखा तो सामने आ गया कि ओलंपिक में जेंडर गेम भी काफी बड़ी धोखाधड़ी है और जिस तरह आज कमेटी झूठ को भी सच साबित करने में लगी है ठीक उसी तरह एक मामले में तो वह पांच दशक तक झूठ को ही सच मानती और दुनिया से मनवाती रही. यह जानना रोचक होगा कि ओलिंपिक गेम्स का एक रिकॉर्ड ऐसा भी है जिसे अपनी सुविधा से भूल जाना ही पसंद किया जाता है. जो मामला आज इमेन का है वही 1932 में एक एथलीट स्टेला वॉल्श का रहा है और उसके बारे में तो पांच दशक तक ओलंपिक के ऐसे रिकॉर्ड रहे जो उसके नाम होने ही नहीं चाहिए थे.

1932 के लास एंजिल्स ओलिंपिक में एथलीट स्टेला वॉल्श ने गोल्ड मेडल जीता. पोलैंड और अमेरिकन की संतान स्टेला उस समय दुनिया की सबसे तेज ‘महिला’ एथलीट मानी जाने लगी थी. 60, 100 और 200 मीटर स्प्रिंट और लांग जंप में भी उन्होंने अच्छे रिकॉर्ड बनाए. एक सप्ताह में तीन नए विश्व रिकॉर्ड बनाकर तो वो दुनिया पर अपना जादू जगाने में कायम हो गईं. 1930 तक वो स्टार एथलीट बन चुकी थीं और 1932 में लॉसएंजिल्स ओलिंपिक में उन्होंने 100 मीटर रेस में गोल्ड जीतते हुए 11.9 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर डाली वो स्टार तो बनीं लेकिन यहीं से एक शंका भी उन पर होना शुरु हो गई, इसी संदर्भ में एक अखबार ने उन्हें ‘पुरुष जैसी शक्तिशाली’ बताया. इस शंका में स्टेला का व्यवहार भी शामिल था, वो कर्कश कही जाती थीं और हर गेम इवेंट के बाद वो बिना थोड़ा भी रुके सीधे अपने रुम में चली जाती थीं.

पत्रकारों ही नहीं साथियों तक से बचने वाली स्टेला ट्रैक पर मजबूत होंती लेकिन बाकी समय डर और घबराहट उन पर छाया रहता. अगले ही ओलिंपिक में यानी बर्लिन 1936 में वो अपने ही देश की खिलाड़ी से पिछड़ीं लेकिन जिस तरह उन्होंने टक्कर दी तो नंबर वन आने वाली हेलन ने स्टेला के पुरुष होने की शंका जाहिर की और ठीक ऐसी ही शंका स्टेला ने हेलेन को लेकर जाहिर कर दी, उन दिनों मामले इतने उलझते नहीं थे इसलिए इसे सामान्य प्रतिद्वंद्विता मानकर बात आई गई हो गई .

इस सबको चार दशक से ज्यादा बीत गए थे कि 1980 स्टेला एक भीड़भरे बाजार में गोलीबारी की घटना में मारी गईं. तब स्टेला की उम्र 69 साल थी और वो मजबूत थीं इसलिए उन्होंने लुटेरों से बराबरी करने की कोशिश की लेकिन एक लुटेरे की गोली से उनका काम तमाम हो गया. हत्या का मामला था इसलिए पोस्टमार्टम जरुरी था. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने पूरे ओलिंपिक इतिहास को और दुनिया को हिलाकर रख दिया. इस रिपोर्ट में साफ था कि स्टेला दरअसल पुरुष थीं. 20 विश्व रिकॉर्ड और कई प्रतिस्पर्धाओं में महिला की तरह नंबर वन रहने वाले स्टेला की मौत ने इन सारे रिकॉड़र्स को बेमानी कर दिया और दुनिया को चेतावनी भी दे डाली कि आपको बहुत सतर्क होकर सारे आयोजन करने होंगे वरना आपके फॉर्मेट और रिकॉर्ड दांव पर लगने में देर नहीं लगेगी.