August 6, 2025
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Mathura श्रीकृष्णजन्मभूमि मामले में हाइकोर्ट का बड़ा फैसला

श्रीकृष्णभूमि से जुड़े सभी 18 मुकदमे सुने जाने योग्य हैं

मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की हिंदू पक्ष को दी गई चुनौती को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इससे जुड़े सभी मुकदमे सुने जा सकते हैं. हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच ने कहा है कि वे उन सभी 18 मुकदमों को मेरिट के आधार पर सुनेंगे जो हिन्दू पक्ष ने दाखिल किए हैं. ईदगाह कमिटी ने कहा था कि यह मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम के विरुद्ध होने के चलते सुने जाने योग्य नहीं हैं. य

ह निर्णय 6 जून, 2024 को सुरक्षित रखा गया था जो आज सुनाया गया है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा था कि याचिकाएं कृष्णजन्मभूमि से सीधे जुड़े हुए लोगों ने नहीं डाली है. हिन्दू पक्ष के साथ 1968 में समझौता हो जाने का भी दावा किया गया और कोर्ट से कहा गया कि इन याचिकाओं का कोई महत्व नहीं रह जाता है. मस्जिद के वक्फ सम्पत्ति होने का तर्क भी इस बात पर खत्म हो गया कि ऐसा कोई सबूत नहीं दिखाया जा सका कि इसे वक्फ को किसने दान किया है.जिन याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना गया है उनमें कहा गया है कि जिस 2.5 एकड़ इलाके में कथित ईदगाह है, वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि का हिस्सा है.

हिन्दू पक्ष ने जमीन का मालिकाना हक कटरा केशव देव के पास होने और इसके संरक्षित स्मारक होने के तर्क दिए हैं. स्मारक होने के नाते इस पर पूजा स्थल अधिनियम लागू न होने की बात कही गई है.वक्फ बोर्ड को जमीन पर अतिक्रमणकर्ता बताया गया है जबकि मुस्लिम पक्ष जमीन पर सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल में कराना चाहता है. इस जगह को लेकर ब ताया जाता है कि 1670 में औरंगज़ेब ने केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कर वहां ईदगाह ढाँचा बनवाया था और इसे मस्जिद कहने लगे. हिंदू पक्ष यहां की 13.37 एकड़ जमीन पर दावा कर ईदगाह हटाने की मांग कर रहा है.