July 19, 2025
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Maliwal मामले में घबराते रहे केजरीवाल

स्वाति मालीवाल की पिटाई के मामले में आखिर तीन दिन बाद पुलिस उनके घर तक पहुंची और चार घंटे में बस इतना पता लगा पाई कि उन्हें विभव कुमार ने पांच या छह चांटे ही नहीं मारे बल्कि उन्हें और भी जगहों पर मारा गया, इससे पहले स्वाति की मां ने पुलिस से कहा कि उनकी बेटी इस हालत में नहीं है कि वह बात कर सके. इधर पुलिस स्वाति मालीवाल से घटना की जानकारी लेने की कोशिश कर रही थी और उधर पीटने और कथित तौर पर पिटवाने वाले विभव कुमार और उनके आका केजरीवाल आज लखनऊ पहुंचे, जहां समाजवादी पार्टी के साथ उनकी प्रेस कांफ्रेंस थी और पहले ही सवाल में केजरीवाल का गला सूख गया क्योंकि सवाल मालीवाल को लेकर कर दिया गया. माइक के लिए पगाल रहने वाले केजरीवाल ने सूखते गले से अपने सामने का माइक अखिलेश के आगे कर दिया और अखिलेश ने जो जवाब दिया वह और भी बुरा था, अखिलेश का कहना था कि ऐसे सवालों से कहीं ज्यादा महत्व की बातें हमारे सामने हें यानी प्रकारांतर से वे कह रहे थे कि महिला सुरक्षा हमारे लिए मुद्दा है ही नहीं. सवाल यह है कि यह सवाल पूछा केजरीवाल से गया था क्योंकि उनकी पार्टी की सांसद का सवाल था, उनके घर पर हुई घटना का सवाल था और उनके पीए पर आरोप का सवाल था, ऐसे में केजरीवाल का माइक अखिलेश के आगे करना ही बेहद मक्कारी भरा काम था. हद यह कि इतने के बाद भी वे विभव कुमार को अपने साथ परछाईं की तरह रख रहे हैं और उसका स्वागत भी खास अंदाज में हो रहा है क्योंकि वह मुख्यमंत्री के साथ आया मेहमान है.

प्रियंका ने कहा हम महिलाओं के साथ

इंडी गठबंधन के हर घटक को भी अब मालीवाल मामले में प्रश्न झेलने पड़ रहे हैं, चुनाव के समय में तीन दिन से तो कांग्रेयस सहित सभी इंडी पार्टियां सवाल टाल रही थीं लेकिन अब प्रियंका को कहना ही पड़ा कि ‘अगर’ महिला के साथ कुछ गलत हुआ है तो हम उनके साथ हैं, जाहिर है इसके बाद सवाल यह उठना चाहिए कि ऐसे कैसे साथ खड़ी हैं कि ज्यादती करने वाले, करवाने वाले के साथ देश भर में चुनाव लड़कर कह रही हैं हम सरकार बनाएंगे? इस घटना को लेकर अब तीसरी बात यह सामने आ रही है कि केजरीवाल के लिए विभव बेहद खास रहे हैं क्योंकि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पिटवाने के समय से इस मामले में विभव मास्टर रहे हैं और पहले ही गले गले तक फंसे हुए केजरीवाल के वे कई काले राज भी जानते हैं इसलिए केजरीवाल उन्हें कुछ कह नहीं रहे हैं जबकि आरोप तो यही है कि केजरीवाल के इशारे पर ही पिटाई कांड हुआ है और यह बात इसलिए भी मानी जा सकती है कि किसी पीए की इतनी हिम्मत नहीं होगी कि वह मुख्यमंत्री के बंगले में मौजूदगी के दौरान ही एक राज्यसभा सदस्य को पीट दे. केजरीवाल की मुश्किल इस बात से भी बढ़ती जा रही है कि अब तक पिटकर पार्टी से बाहर हुए लोगों ने अपने अपने किस्से सुनाने शुरु कर दिए हैं और वे बता रहे हैं कि कैसे और कौन लोग हैं जिन्हें ऐसे ही कामों के लिए ‘पाला’ गया है.