Karnataka मुख्यमंत्री की याचिका खारिज, जमीन घोटाले की जांच होगी
आम लोगों के लिए तो मुआवजा ऐसे नहीं बढ़ता
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जमीन घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि कनार्टक राज्यपाल का यह मानना सही है कि मामले की जांच होनी चाहिए और मुकदमा चलाने की मंजूरी में भी कोई गड़बड़ नहीं है. सिद्धारमैया ने राज्यपाल के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसमें उन्होंने सिद्धा पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी.. कोर्ट ने इस मंजूरी को बरकरार रखते हुए मैसुरु जमीन घोटाले में यह भी कहा है कि नियमों को कैसे तोड़ा मरोड़ा गया यह देखा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत करते हुए इसकी राज्यपाल से अनुमति ली है, वह सही है. राज्यपाल को ऐसे मामलों में फैसले लेने के लिए स्वतंत्र बताते हुए कोर्ट ने कहा कि भले ही राज्यपाल मंत्रिमंडल की सलाह से चलते हों लेकिन ऐसे मामले में परिस्थितियां अलग होती हैं.
कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी यह भी की कि इस घोटाले से सिद्धारमैया पूरी तरह अलग थे, यह मानना मुश्किल है. मुआवजा यदि 3.56 लाख निर्धारित था तो यह 56 करोड़ कैसे हो गया यह देख जाना चाहिए. जिन्हें फायदा हुआ वह मुख्यमंत्री का परिवार हैं, ऐसे में राहत नहीं दी जा सकती. मुआवजे की रकम किसी आम आदमी के लिए इतनी बड़ी नहीं होती. दरअसल यह पूरा मामला ऐसी जमीन का है जो अधिगृहीत की गई लेकिन उसके एवज में कहीं ज्यादा कीमती जमीन सिद्धारमैया की पत्नी को दे दी गई.