Kolkata Case में टीएमसी नेता की संदिग्ध भूमिका-सुवेंदु
स्थानीय टीएमसी विधायक घोष के करीबी पर सवाल
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में एक सनसनीखेज खुलासे के साथ टीएमसी के सीधे कनेक्शन का दावा भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने किया है. सुवेंदु ने कहा है कि पोस्टमार्टम के लिए जिस व्यक्ति ने खुद को मृतका का चाचा बताकर कल्दबाजी की थी वह टीएमसी का पूर्व पार्षद है और क्षेत्र के विधायक का करीबी है. सोशल मीडिया पर उन्होंने दावा किया है कि ट्रेनी डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाली टीम में रहे अपूर्वा बिस्वास ने खुद यह जानकारी दी है. खुद को पीड़िता का चाचा बताते हुए धमकी देने वाले का नाम सुवेंदु के अनुसार संजीब मुखर्जी है. धमकी देते हुए उसने कहा कि यदि पोस्टमार्टम जल्दी नहीं हुआ तो खून की नदी बह जाएगी. उक्त व्यक्ति को पानीहाटी को पूर्व पार्षद बताया जा रहा है जिसने बाद में ममता की पार्टी ज्वाइन कर ली थी. सुवेंदु के अनुसार संजीब टीएमसी के विधायक निर्मल घोष का बेहद करीबी है.
अंतिम संस्कार में भी जल्दबाजी बरतने के आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि स्थानीय विधायक घोष भी अंतिम संस्कार में थे क्योंकि खुद ममता ने उन्हें वहां पहुंचने को कहा था. पीड़िता के अंतिम संस्कार की पर्ची सोशल मीडिया पर डालते हुए उन्होंने पूछा है कि इस पर संजीब मुखर्जी के हस्ताक्षर कैसे हैं. उन्होंने पर्ची पर मौजूद एक अन्य नाम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुखर्जी ने ही डे के नाम से भी हस्ताक्षर किए हैं. अपनी बात को पुख्ता करने के लिए सुवेंदु ने जो वीडियो शेयर किया है. उसमें डॉक्टर बिस्वास पूछे गए सवालों में ये सारी बातें करते हुए नजर आ रहे हैं. संजीब को लेकर अब दो सवाल हैं कि क्या वाकई वह पीड़ित परिवार का रिश्तेदार है या फिर वह पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम क्रिया तक की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था. जांच को प्रभावित करने, सबूत मिटाने, पीड़ित परिवार को पैसे की पेशकश करने और लापरवाही के आरोपों के बीच इन नए आरोपों ने ममता सरकार को फिर मुश्किल में डाल दिया है.