Kolkata Case में पोस्टरबॉय बने बोस पर सवाल
बालाराम बोस को बता रहे प्रबीर बोस
कोलकाता आरजी कर मेडिकल में दुष्कर्म के बाद ट्रेनी डॉक्टर की हत्या को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में नबन्ना आंदोलन के ‘पोस्टर बॉय’ बन चुके बुजुर्ग बालाराम बोस की मौजूदगी से लेकर उनकी पहचान तक पर अब पुलिस की तिरछी नजरें हैं. तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि जब यह आंदोलन छात्रों का था तो वहां ये बुजुर्ग क्या कर रहे थे, उन्होंने भगवा कपड़े ही क्यों पहने थे और क्या वे मूलरुप से भाजपा कार्यकर्ता हैं जिनका असली नाम प्रबीर बोस है और वो प्रेस फोटोग्राफर रह चुके हैं. तृणमूल की ओर से कहा जा रहा है कि छात्रों के आंदोलन में बोस का आना और वॉटर कैनन चलाती पुलिस को उकसाने के काम को अलग तरह से देखे जाने की जरुरत है.
दूसरी तरफ बालाराम का कहना है कि मेरे घर में भी लड़कियां हैं, महिलाएं हैं और मुझे महिला सुरक्षा को लेकर चिंता जताने का पूरा हक है. उनका कहना है कि मुझे तो लगता है कि यह सिर्फ छात्रों पर छोड़ना गलत होगा बल्कि हमें हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को इस विरोध प्रदेर्शन तक पहुंचाना चाहिए. बोस का दावा है कि वे किसी के उकसावे या बुलावे पर वहां नहीं गए बल्कि स्वेच्छा से वहां पहुंचे थे और जब वॉटर कैनन चलाई गई तो मुझे अरविंद घोष की बात याद आई कि जो काम करना है पूरे मन से करो, यही वजह थी कि मैंने पुलिस से कहा कि जितनी कैनन चलानी हो, चलाओ… इसमें मेरी मौत भी हो जाए तो कोई दुख नहीं होगा.