GOOGLE का शुरुआती नाम था ‘बैकब्रेन’
गूगल का बर्थडे 4 सितंबर, गूगल इंक का 27 सितंबर
गूगल ने तो अपना जन्बमदिकन 4 सितंबर को ही मनाया लेकिन बतौर कंपनी गूगल यानी गूगल इंक का जन्मदिन 27 सितंबर को मनाया जाता है. वैसे शुरुआती दौर में यह गूगल ही कहां था बल्कि इसे तो नाम बैकब्रेन रखा गया था. दरअसल मामला यह है कि सर्गेई बिन और लैरी पेज ने 4 सितंबर, 1998 को ही इसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए में अपने पीएचडी प्रोजेक्ट के तहत बनाया था. इन दोनों ने अपना उद्देश्य बताया था कि वे एक ऐसा सर्च इंजन बनाना चाहते हैं जो वेब पेजों की गुणवत्ता को लिंक के आधार पर मापे. बाद में इसे ‘गूगल’ नाम मिला, जो ‘गुगोल’ से बना शब्द था और यह गणित में 100 नंबर के अंतिम दो शून्य से लिया गया था. 1998 में जब इन दोनों ने उन्होंने अपनी पहली आधिकारिक वेबसाइट को दुनिया के सामने पेश किया तो इसने सर्च इंजन का रूप ले लिया और इन 26 सालों में गूगल अब सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं रह गया है, बल्कि कई सेवाओं और उत्पादों की विशाल कड़ी है और न जाने दुनिया की कितनी समस्याओं का समाधान भी है.
सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज ने जब बतौर छात्र यह प्रोजेक्ट सामने रखा था तब खुद उन्होंने भी कल्पना नहीं की थी कि यह कंपनी इतनी बड़ी होगी, आज भी ये दोनों गूगल के 14 प्रतिशत शेयर्स के मालिक हैं. एक कंप्यूटर विज्ञान कार्यक्रम में जब बिन और पेज मिले तो चंद मिनट मुलाकात में ही उन्हें लगा कि मिलकर वर्ल्ड वाइड वेब को बड़ा बनाने में बहुत कुछ कर सकते 4 सितंबर 1998 को उन्होंने इसकी रुपरेखा बनाकर पेश कर दी. 27 सितंबर 1998 को गूगल इंक का आधिकारिक तौर पर जन्म हुआ बाद में सर्च इंजन द्वारा क्रम से जमे पेज रिकॉर्ड संख्या के साथ 27 सितंबर को गूगोल से गूगलइंक निकल आया जिसका अर्थ ही था कि कंपनी बहुत सारी जानकारी को व्यवस्थित करने वाली है. जब गूगल में शब्दों रंग चुनने की बारी आई तो नीला, लाल, पीला और हरा रंग जमाया गया क्योंकि इन्हें संतुलित और आकर्षक रंग माना जाता है. हालांकि भारत तक आते आते गूगल को 6 साल से ज्यादा समय लग गया यानी यहां वह 2004 में आया.