August 6, 2025
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Bangladesh में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शांति की उम्मीद

बांगलादेश में हाइकोर्ट के फैसले को एससी ने पलटा

बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर बड़े पैमाने पर हिंसा फैलने और 139 लोगों के मारे जाने के बाद आरक्षण के कई हिस्सों को निष्क्रिय कर दिया है और अब देश में 93 प्रतिशत सरकारी पद सिर्फ मेरिट के आधार पर भरे जाने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर मेरिट के आधार पर नौकरी की राह खोल दी है. आरक्षण के खिलाफ शुरु हुए आंदोलन के हिंसक होने के बाद से ही पूरा बांगलादेश भारी हिंसा और आगजनी की चपेट में आ गया था.

दरअसल सरकार ने तो कुछ प्रावधान पहले ही खत्म कर दिए थे लेकिन निचली अदालत ने आरक्षण को सही मानते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी, अब सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के उस आदेश को पलटते हुए कहा है कि वह फैसला अवैधानिक था. सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के मुताबिक बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़ने वाले परिवारों सिविल सर्विस में 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी जबकि दूसरी नौकरियों में उनका 2 प्रतिशत कोटा होगा. पहले यही कोटा तीस प्रतिशत था. हसीना सरकार ने 2018 में यह खत्म कर दिया था लेकिन पिछले महीने हाईकोर्ट का आदेश आने पर यह फिर लागू हो गया और इसी के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे. हालात ऐसे हो गए कि पूरे देश में कर्फ्यू लागू करना पड़ा, फ़ोन और इंटरनेट कनेक्शन की सेवाओं तक को रोकना पड़ा था, अब इस निर्णय के बाद प्रदर्शनकारियों का रुख थोड़ा नर्म पड़ने की संभावना है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा इतनी कड़ी करनी पड़ी है कि सैन्य टैंक तक यहां तैनात हैं.