Naveen Patnaik के साथ कुछ गलत तो नहीं हो रहा
उड़ीसा के पिछले चौबीस साल से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ दिनों में चिंता व्यक्त की जा रही है लेकिन अब तो सवाल उठ रहा है कि उनकी खराब तबियत के पीछे तो कोई गिरोह काम नहीं कर रहा है.
अफसर से नेता बने पांडियन हें निशाने पर
दरअसल वीके पांडियन ने जिस तरह अपनी अफसरी छोड़कर पिछले साल बीजू जनता दल की सदस्यता ली और जिस तरह से वे सारे फैसले लेते दिख रहे थे तभी से बीजेडी के कई नेता अपनी शंका जता रहे थे कि कहीं कुछ गड़बड़ है और पिछले दिनों जिस तरह से नवीन पटनायक को कंट्रोल करते हुए पांडियन सार्वजनिक तौर पर नजर आए हैं उसके चलते यह शंका गहरा गई है कि नवीन बाबू के साथ सब ठीक है या नहीं. आज यह बात पूरे देश तक तब पहुंची जब प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा तो नहीं कि नवीन बाबू की तबियत खराब होने के पीछे कोई राज हो और वे ही लोग ऐसा कर रहे हों जो उनके नाम पर सत्ता सुख भोग रहे हैं. इससे पहले ठीक ऐसी ही शंका असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा भी जता चुके हैं. आज मोदी ने इतना तक कह दिया कि उड़ीसा में भाजपा सरकार बनने के बाद स्पेशल कमेटी बनाकर इस बात की जांच की जाएगी कि नवीन बाबू की तबियत खराब होने के पीछे कोई राज तो नहीं है.
पांडियन का कंट्रोल माना जाता है नवीन बाबू पर
दरअसल तमिलनाडु के पांडियन पिछले कुछ समय से सुपर सीएम की तरह काम करते नजर आ रहे हैं और पिछली कुछ चुनावी सभाओं में तो वे भाषण देते नवीन बाबू के हाथ को डायस के भीतर करने या पैर छूने बढ़े व्यक्ति के लिए नवीन पटनायक के पैर अपने पैर से धकेल कर आगे करते भी नजर आए हैं. ये हरकतें सामान्य नहीं मानी जा सकतीं लेकिन पांडियन इन सबसे बेपरवाह नवीन पटनायक के एकमात्र खैरख्वाह बने हुए हैं और उनकी इस नजदीकी के चलते बीजू जनता दल के ही बड़े नेता नवीन बाबू से मिलने तक के लिए समय मांगते रह जाते हैं लेकिन पांडियन उन्हें मिलने नहीं देते हैं और ऐसी शिकायतें कई नेता कर चुके हैं.