Mayawati ने आकाश आनंद को पाताल का रास्ता दिखाया
लोकसभा चुनावों का आधा सफर ही हुआ है और इस बीच बहुजतन समाज पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन का बड़ा खेला हो गया है. मायावती ने कुछ समय से अपने सारे अधिकार और निर्णय भतीजे आकाश आनंद पर छोड़ दिए थे और वे एक तरह से मार्गदर्शक की ही भूमिका निभा रही थीं. चुनाव के शुरुआती चरणों में लग रहा था कि मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद राजनीति में भी उनकी विरासत संभालेंगे और वे इसी अंदाज में काम कर भी रहे थे कि अचानक मायावती ने फैसला लिया कि न तो आकाश उनके उत्तराधिकारी होंगे और न बसपा करी पूरी कमान ही उनके पास होगी. आकाश आनंद को मायावती ने बसपा का नेशनल को ऑर्डिनेटर तक बना दिया था लेकिन अचानक उन्हें सभी जगहों से बेदखल करने का फैसला मायावती की तरफ से क्यों आया इसके बारे में पार्टी अभी कुछ नहीं कह रही है. हालांकि विश्लेषक इसे आकाश के उन भाषणों से जोड़कर देख रहे हैं जिनमें आकाश ने भाजपा सरकार को आतंकियों की सरकार तक कह दिया था और उनके रुख से साफ था कि वे भाजपा के बजाए दूसरे खेमे यानी इंडी की तरफ झुक सकते हैं.आकाश ने लगातार दो तीन बार ऐसे भाषण दिए हैं जो मायावती की तय की गई पार्टी लाइन से हटकर थे और इन्हीं को आकाश से पाताल का रास्ता दिखाए जाने की वजह बताया जा रहा है.