June 21, 2025
वर्ल्ड

WHO की एक ही चिंता अब कैसे ठीक करें दुनिया की हैल्थ

ट्रंप ने रोक दी है संगठन की फंडिंग और अब अमेरिका है इससे बाहर

वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी पूरे विश्व के स्वास्थ्य की चिंता करने वाले संगठन का ही स्वास्थ्य इन दिनों खराब चल रहा है क्योंकि ट्रंप ने इसकी फंडिंग ही नहीं रोकी बल्कि अमेरिका के इससे अलग होने की भी घोषणा कर डाली. अब इसके महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस सदस्य देशों से अपील कर रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति पर इस बात का दबाव बनाया जाए कि अमेरिका फिर इस संगठन में शामिल हो जाए और उसकी आमदनी का सबसे बड़ा स्त्रोत यानी अमेरिकी मदद फिर शुरु हो सके.

महानिदेशक घेब्रेयसस ने पिछले हफ्ते विदेशी डिप्लोमेट्स से यह भी कहा कि ट्रम्प ने जो डब्लूएचओ छोड़ने का फैसला लिया है उससे अमेरिका को ग्लोबल बीमारियों वाली जरूरी जानकारियां भी हम नहीं दे सकेंगे यानी वे दूसरे लहजे में यह कह रहे हैं कि हमें जो बाते पता भी होंगी वह हम अमेरिका को इसलिए नहीं बताएंगे क्योंकि उसने फंडिंग रोक दी है. संगठन की पिछले हफ्ते बजट को लेकर बैठक हुई तो सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात पर हुई कि यदि अमेरिका फिर इसमें शामिल नहीं होता या पैसा नहीं देता है तो संगठन काम कैसे कर पाएगा. अमेरिका WHO का सबसे बड़ा दानदाता है. इसके 6.9 अरब डॉलर के बजट का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा तो सीधे ही अमेरिका देता रहा है और दूसरे तरीकों से भी अमेरिका से ही सबसे ज्यादा मदद इसे मिलती रही है लेकिन ट्रंप ने WHO पर कोरोना संकट को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के इससे बाहर आने और सारी फंडिंग रोक देने की घोषणा कर दी.