White House में फिर जेलेंस्की की बेइज्जती, कहा रुस का कहना मान लो
ट्रंप ने दिया जेलेंस्की को झटका, बोले रूस की शर्तें मान ले यूक्रेन
बड़े उत्साह के साथ ट्रंप से मिलने पहुंचे यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को एक बार फिर व्हाइट हाउस में बेइज्जत होना पड़ा. ट्रंप ने साफ साफ कहा कि यदि रूस की शर्तें यूक्रेन ने नहीं मानीं तो और ज्यादा बर्बादी झेलना पड़ेगी इसलिए बेहतर है कि जेलेंस्की वो सारी शर्तें मान लें जो पुतिन रख रहे हैं. दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद हुई पहली मुलाकात में भी ट्रंप ने इसी तरह जेलेंस्की को बेइज्जत किया था लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा दिखाया मानो वे जेलेंस्की के पक्ष में खड़े हैं और यूक्रेन के पक्ष से सहमत हैं. इस बीच उन्होंने पुतिन को चेतावनियां भी दीं लेकिन इस बार जब जेलेंस्की व्हइट हाउस पहुंचे तो खेल बदला हुआ था और कूटनीतिक संवाद से ज्यादा मामला एकतरफा दबाव का बन गया जहां ट्रंप ने जेलेंस्की को चेतावनी दी कि पुतिन की शर्तें न मानने पर यूक्रेन को तबाही का सामना करना पड़ेगा.
ट्रंप ने बैठक में पुतिन की उन बातों को दोहराया जो एक दिन पहले फोन पर पुतिन ने उन्हें समझाईं थीं, ट्रंप ने जेलेंस्की से डोनबास क्षेत्र सौंप कर युद्ध खत्म करने की बात करते हुए धमकाया कि ऐसा नहीं हुआ तो रूस यूक्रेन को पूरी तरह नष्ट करने की क्षमता रखता है. ट्रंप ने जेलेंस्की को कहा कि पुतिन को कुछ तो देना ही होगा क्योंकि उसने बहुत कुछ युद्ध में जीत लिया है, पूरी मुलाकात में ट्रंप रूस के साथ होने और यू्रकेन को धमकाने वाले अंदाज में नजर आए. शोरगुल में कई बातें ऐसी भी हुईं जो व्हाट हाउस में पहली बार हो रही थीं. ट्रंप ने जेलेंस्की को झिड़ककर चुप करने में भी देर नहीं की और ऐसा एक बार से ज्यादा हुआ. ट्रंप ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने से भी मना कर दिया जिसके लिए पिछली बार अमेरिका तैयार हो गया था. माना जा रहा है कि पुतिन और ट्रंप की टेलीफोनिक बातचीत के बाद यूक्रेन मामले में अमेरिकी नीति पूरी तरह बदल गई है जो यूक्रेन का मनोबल तोड़ने के साथ यूरोपीय संघ के लिए भी नए समीकरण खड़े कर देगी. ट्रंप की अगले दो सप्ताह में पुतिन से बुडापेस्ट में दूसरी शांति वार्ता तय है और इसमें जेलेंस्की भी आना चाहते हैं लेकिन ट्रंप के इस बार के व्यवहार के बाद इतना निश्चित है कि जेलेंस्की ए भी तो बैठक में उन्हें बराबरी का दर्जा तो नहीं मिलेगा. जेलेंस्की इस बार पुतिन पर ज्यादा अमेरिकी दबाव डालने की गुहार लगाने गए थे लेकिन खुद उन पर ही ट्रंप ने भारी दबाव बना डाला. अमेरकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जेलेंस्की पर अमेरिकी सहयोग के लिए ‘थैंकफुल’ न होने का भी आरोप लगाया है.