April 19, 2025
वर्ल्ड

Whatsapp और Insta छूट सकते हैं मेटा के हाथ से

-आदित्य पांडे

फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग को चीन से डील मामले में जेल भेजने की मांग, एफटीए का मोनोपॉली वाला केस भी पड़ सकता है भारी
यदि आप सोच रहे हैं कि ट्रंप का अपने दूसरे कार्यकाल में पूरा ध्यान व्यापार वाले मामले पर ही है तो जरा दूसरे मामले में भी देख लीजिए. ट्रंप ने इस बार हर उस राह को बंद करने की ठान ली है जिससे सोरोस एंड कंपनी को फायदा होता हो, इसी के चलते अब फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग भी उलझ गए हैं. टिकटॉक को तो पहले ही तय समयसीमा में अमेरिकी पार्टनर खोज लेने की चेतावनी मिल चुकी है.
दुनियाभर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते फिर रहे फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग अब अमेरिका में ही अच्छे खासे घिर गए हैं. पिछले कुछ समय से फेसबुक पर डाटा नियमों सहित अन्य नियमों को तोड़ने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन इस बार तो उन पर इनके अलावा अमेरिकी संसद के सामने झूठ बोलने का भी आरोप लग गया है. दूसरी बड़ी बात यह भी है कि 2012 फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने इंस्टाग्राम और 2014 में व्हाट्सएप को खरीदा था, उसे भी फेडरल ट्रेड कमीशन ने गलत माना है. सोमवार 14 अप्रैल से एफडीए इस बात पर ट्रायल शुरु करने वाला है कि मेटा की व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की डील कितनी अनुचित थीं. मार्क को जेल भेजने की मांग इस बात के लिए भी जोर पकड़ रही है कि उन्होंने न सिर्फ चीनी कंपनियों के लिए मददगार चीजें डेवलप कीं बल्कि जब चीन ने विरोधी नेताओं से संबंधित जानकारियां चाहीं तो वो भी आसानी से चीनी सरकार को उपलब्ध करा दीं. इसके बाद जब चीनी सरकार के साथ फेसबुक के काम करने की बातों ने जोर पकड़ा नए तथ्य यह भी सामने आए कि चीन में काम करने के एवज में फेसबुक ने इस बात के लिए स्वीकृति दे दी थी कि चीन का डाटा चीन में ही स्टोर हेागा और सरकार की इस पर सीधी पहुंच हो सकती है. यानी चीनी और अमेरिकी व्यक्ति के बीच हुई बातचीत का भी एक्सेस चीनी सरकार ले सकती है. इसी मुद्दे पर जब अमेरिकी संसद में जुकरबर्ग की पेशी हुई थी तो उन्होंने झूठ बोल दिया था लेकिन अब इस झूठ की पोल खुल गई है और यह साफ हो गया है कि जुकरबर्ग ने चीनी सरकार के साथ डील करते हुए अपनी ही सरकार को अंधेरे में रखा और फिर इस पर संसद के सामने झूठ भी बोला. एफटीए की डील वाली सुनवाई से लेकर चीनी दखल तक के मामले में जुकरबर्ग जिस तरह से फंसे हैं उससे निकल पाना उनके लिए आसान यूं भी नहीं था और फिर जब अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर वो ही ट्रंप बैठे हों जिन्हें ऐन चुनाव के समय पर फेसबुक ने बैन कर दिया हो तो मुश्किलें कम होना संभव नहीं है. फेसबुक पर कई देशों के चुनावों में दखल देने के लिए प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने का आरोप भी है और यह बात अमेरिकी चुनावों के लिए भी सामने आई है यानी ये आरोप हैं कि डेमोक्रेट्स के समर्थन में फेसबुक ने ट्रंप के खिलाफ काम किया. 14 अप्रैल से शुरु हो रहे ट्रायल के नतीजे क्या आते हैं यह मेटा की नेटवर्थ पर सीधा असर करने वाला फैक्टर होगा. माना जाता है कि अभी मेटा का मार्केट कैप 1.5 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है लेकिन यदि व्हाट्सएप और इंस्टा इसके हाथ से निकलते हैं तो यह मार्केट कैप बुरी तरह प्रभावित होगा और यदि संसद में झूठ बोलने और चीनी सरकार से की गई गलत डील्स की जानकारी सामने आती हैं तो जुकरबर्ग को जेल भेजे जाने की मांग तो जोर पकड़ ही रही है.