Voice Of America सहित सात एजेंसियां बंद करने का आदेश
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि पक्षपाती और कट्टरपंथियों की एजेंसी है वॉइस ऑफ अमेरिका
अमेरिकी मीडिया जिस तरह पक्षपात करते हुए खबरें चलाता है उसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बड़े मीडिया संस्थानों से भिड़ चुके हैं, इसी बीच अब खबर है कि ट्रंप ने उस मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसमें अमेरिका की न्यूज एजेंसी वॉइस ऑफ अमेरिका को बंद करने को कहा गया है. दरअसल इस एजेंसी को सरकार से ही फँडिंग मिलती है लेकिन फिर भी यह डेमो्रकेट्स और कथित लिबरल्स के पक्ष वाली खबरें ही अपने कार्यक्रमों में फीचर करती है. ट्रंप ने वॉइस ऑफ अमेरिका पर पक्षपाती होने का आरोप पहले भी लगाया है. व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया है कि ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ इतने लंबे समय में भी देश की भावनाएं समझ पाने में विफल रहा है. यह आरोप भी लगाया गया है कि यह कट्टरपंथी लोगों की भाषा बोलता है और इसी के अनुसार कार्यक्रम डिजाइन करता है. ट्रंप ने वॉइस ऑफ अमेरिका के अलावा छह और भी सरकारी कार्यालयों पर ताला लगाने के कार्यकारी आदेश पर साइन कर दिए हैं.
जिन संस्थानों को अब बंद किया जाना है उनमें वॉइस ऑफ अमेरिका और रेडियो फ्री यूरोप चलाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया भी है. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि वॉइस ऑफ अमेरिका उन अमेरिकी करदाताओं पर बहुत बड़ा बोझ है जो ईमानदारी से देश के लिए कर चुकाते हें लेकिन उनका पैसा प्रोपेगेंडा चलाने में खर्च किया जाता रहा है. जिन अन्य छह संस्थानों को बंद किया गया है उनमें फेडरल मीडिएशन एंड कॉन्सिलेशन सर्विस, यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया, द वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स, द इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सर्विस, यूएस इंटरएजेंसी काउंसिल ऑन होमलेसनेस, द कम्युनिटी डेवलेपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस फंड और माइनॉरिटी बिजनेस डेवलेपमेंट एजेंसी भी शामिल की गई हैं. माना जा रहा है कि सरकारी फंडिंग से चलने वाली इन एजेंसियों के बाद अब ट्रंप उन संस्थानों पर भी सख्ती कर सकते हैं जो लगातार राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित होकर पक्षपाती खबरें देते हैं.