August 25, 2025
वर्ल्ड

USA Visa Check और ब्रिटेन-कनाडा की नींद

अमेरिका से मनजी का विश्लेषण

कल जब से अमेरिकी सरकार ने घोषणा की है कि वो पचपन मिलियन वैध प्रवासियों के वीसा फिर से चेक करेंगे तब से ये आंकड़े जानकर अमेरिकी राइट विंगर में खलबली मची हुई है. पचपन मिलियन वैध और तकरीबन बीस मिलियन अवैध प्रवासी इस वक्त अमेरिकी भूमि पे मौजूद है. ये आंकड़े देख लोगों के होश उड़े हुए है – उनका कहना है यदि ये सब बाहिर हकाल दिए जाये तो रियल एस्टेट और महंगाई पे काबू पा सकेंगे.

पिछली सरकार में रिकॉर्ड तोड़ अवैध प्रवासियों को मुल्क में एंट्री दी गई थी- पिछली सरकार ओपन बॉर्डर पालिसी और शरणार्थियों को शरण देने में अव्वल थी- लिहाज़ा 2020 से 2024 में अमेरिका में ऑल टाइम हाई अवैध प्रवासियों ने डेरा जमाया और अमेरिका में छह राज्य ऐसे है जिन्होंने इन्हें अपने राज्य में ना केवल शरण दी बल्कि तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई.

छह राज्यों में अव्वल है न्यू यॉर्क और कैलिफोर्निया . कैलिफोर्निया को अमेरिका का वेस्ट बंगाल समझ लीजिए- बम्पर अवैध प्रवासियों का जमावड़ा और सब बड़ी बड़ी कंपनी राज्य से अपना बोरिया बिस्तर समेट दूसरे राज्य भाग ली- टेस्ला तक ने टेक्सास शिफ्ट होने में गनीमत समझी।.कल भी अनेक कंपनी ने कैलिफोर्निया राज्य के बहुत अधिक टैक्स आदि का हवाला देके अपने ऑपरेशन राज्य में बंद करने की घोषणा की है. हाल में हुए ट्रक कांड का अभियुक्त भी इसी राज्य से लाइसेंस पाया हुआ था जबकि कानूनन ऐसा नहीं हो सकता.

एक बेहद दिलचस्प आंकड़ा जो निकल कर आया है वो है शरणार्थियों का बढ़ता हुआ आंकड़ा। दुनिया भर से लोग इसी कोटा के तहत इधर शरण मांगने आ रहे है. इसमें भारत टॉप पे है – इधर के एक राज्य विशेष से सर्वाधिक लोग अपनी जान की दुहाई देके शरण माँग रहे है. कई लाख ऐसी एप्लीकेशन इधर पेंडिंग है – ये उन लोगों की है जो भारत से डंकी मार कर इधर आए और आकर शरण माँगी. उपरोक्त ट्रक एक्सीडेंट अभियुक्त भी इसी श्रेणी में है.

अब सोचने वाली बात है- भारत में ऐसा क्या हो रहा है जिसके चलते लाखों लोग जान की दुहाई देके अमेरिका कनाडा इंग्लैंड में शरण ले रहे है और पक्के होने के बाद आराम से भारत घूमने भी जाते है। ये कैसा गोरखधंधा है!

खैर- जो भी हो, अमेरिका ने इसपे नकेल कसना शुरू कर दिया है. कनाडा और इंग्लैंड अभी भी गहरी नींद में सो रहे है और रही बात भारत की- वहाँ अवैध प्रवासियों के आंकड़े ही सार्वजनिक होने में लंबा समय लगे और सरकार की इच्छाशक्ति भी इस मामले पे शायद ही जागृत हो!