May 1, 2025
वर्ल्ड

Trump की जीत को पचा नहीं पा रहा Woke सिस्टम

राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही ट्रंप के खिलाफ अफवाहों की सरगर्मी

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अभी आधिकारिक शपथ लेना भी बाकी है लेकिन सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि जिद्दी ट्रंप अमेरिकी संविधान इस बात के लिए भी बदल सकते हैं कि वे एक बार और चुनाव लड़ सकें. चूंकि अधिकतर मीडिया अब तक डेमोक्रेट्स को समर्थन देता रहा है और इसमें जॉर्ज सोरोस जैसी हस्तियों का भी बड़ा पैसा बहता है इसलिए हराने की तमाम कोशिशों के बाद भी ट्रंप के जीत जाने के बाद अब अलग अलग तरह के आक्षेप मीडिया में लगने शुरु हो गए हैं.

कहीं कहा जा रहा है कि अमेरिकी जनता ने एक महिला को कहरा कर एक बड़ा मौका इस बात का गंवा दिया कि राष्ट्रपति कोई अमेरिकी महिला बन सके, जाहिर है इन लोगों का तर्क है कि वोटर्स को दो उम्मीदवरों में से एक को सिर्फ इसलिए चुन लेना था क्योंकि वह महिला है. दूसरी बात यह कही जा रही है कि ट्रंप पर कई तरह के मुकदमे हैं और एक ऐसे राष्ट्रपति का होना जिस पर मुकदमे हों, अमेरिका के लिए ठीक नहीं है दूसरी तरफ ट्रंप सारे मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं. ये दो मुद्दे चल ही रहे थे कि सोशल मीडिया पर इस बात की बहस शुरु कर दी गई कि क्या ट्रंप दोनों सदनों में बहुमत हो जाने के बाद ऐसा भी कोई कदम उठा सकते हैं जिसमें उनके तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरने का रास्ता साफ हो जाए. चूंकि ट्रंप 2016 से 2020 तक एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति रह चुके हैं और अब फिर शपथ लेने जा रहे हैं, ऐसे में उनके तीसरी बार चुनाव लड़ने के रास्ते अमेरिकी संविधान के हिसाब से तो बंद हो जाते हैं लेकिन कहा यह जा रहा है कि ट्रंप ऐसे प्रतिबंधों को मानें जरुरी नहीं है और यह भी संभव है कि वे संविधान में बदलाव ही कर डालें कि दो बार के बाद तीसरी बार भी चुनाव लड़ सकने के उनके रास्ते खुल जाएं.
जो भारतीय खुश हैं उन्हें भी कहा जा रहा है कि ट्रंप भारत को व्यापार कानूनों का उल्लंघनकर्ता कह चुके हैं और भारतीय सामानों पर टैक्स बढ़ाने की बात उनके दिमाग में रही है.