July 9, 2025
वर्ल्ड

Trump-Musk में फिर भिड़ंत, ट्रंप बोले दुकान बंद कर साउथ अफ्रीका जाओ

जिस बिल का विरोध करने मस्क उतरे उसे लेकर ट्रंप अडिग, कहा मस्क को मिल रही सारी सब्सिडी होंगी बंद

ट्रंप 20 जनवरी से व्हाइट हाउस के दफ्तर में हैं और तब से एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब उन्होंने कोई नया पंगा खड़ा न किया हो. बीच में मस्क और उनके बीच सुलह जैसे हालात बन गए थे लेकिन एक बार फिर मस्क ने उनके बिग,ब्यूटीफुल बिल का विरोध करते हुए कहा कि लोगों को डेमोक्रेट्स या रिपब्लिकन के बीच ही चुनाव करने वाले सिस्टम को बदला जाना चाहिए. उनके फिर हमलावर होते ही ट्रंप भी बुरी तरह नाराज हो गए हैं और उन्होंने तो गुस्से में इतना तक कह डाला है कि मस्क को अपनी दुकानदारी समेटकर वापस दक्षिण अफ्रीका लौटना होगा. मस्क लगातार बिल का विरोध करते हुए ट्रंप को भी निशाने पर ले रहे हैं. ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिल रही सब्सिडी बंद करने की बात भी कर डाली है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि मस्क को मेरा समर्थन करने से पहले ही पता था कि मैं ईवी के खिलाफ हूं. ये इलेक्ट्रिक कारें ठीक हो सकती हैं लेकिन हर किसी के लिए नहीं. मस्क को अब तक की सबसे ज्यादा सब्सिडी मिली है और सब्सिडी के बिना उनका काम चल ही नहीं सकता. अब इस सब्सिडी से न तो स्पेस एक्स का कोई रॉकेट लॉन्च होगा, न सेटेलाइट और न इलेक्ट्रिक कारें बनेंगी और इससे हमारा बहुत सारा पैसा बचेगा. ट्रंप ने उसी DOGE को इस पर काम करने को कहा है जिसके चीफ कुछ समय पहले तक खुद मस्क थे और जिसका काम सरकारी पैसा बचाने के उपाय करने का है. मस्क और ट्रंप की इस बार लड़ाई ज्यादादिलचस्प इसलिए है क्योंकि ट्रंप ने सीधे मस्क के व्यापार को निशाना बनाने की बात कही है और वह भी उनके कोर माने जाने वाले तीन व्यवसाय पर ही चोट करने जैसा है. वैसे ट्रंप के सारे पत्ते सही पड़ रहे हों ऐसा भी नहीं है, ईरान के सबसे बड़े माने जाने वाले शिया धर्मगुरु अयातुल्ला नासिर मकारिम शिराजी ने इजराइली पीएम नेतन्याहू के साथ ही ट्रम्प के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इन दोनों को अल्लाह का दुश्मन करार दिया है. शिराजी ने अपने फतवे में कहा है कि ये दोनों जंग पसंद करने वाले लोग हैं और इनका हर स्तर पर विरोध होना चाहिए.

ईरान ने ट्रंप के बीचबचाव से रुकी इजराइल के साथ जंग को लेकर भी शंका जताते हुए कहा है कि हमें दुश्मन के साथ युद्धविराम पर शक है क्योंकि अमेरिका और इजराइल किसी भी अंतरराष्ट्रीय कायदे का पालन नहीं करते. अमेरिका के सामने शर्त रखते हुए ईरान ने कहा है कि पहले अमेरिका गारंटी दे कि वह कभी ईरान पर हमला नहीं करेगा.