June 13, 2025
वर्ल्ड

Trump-Musk की लड़ाई अब सत्ता और पैसे की हो गई है

-आदित्य पांडे ईवी को लेकर ट्रंप का रुख, बिटकॉइन और एआई के अलावा चीन से बिगाड़ ने लड़वा दिया ‘बेस्ट फ्रेंड्स’ को

अमेरिका की सरकार में आपसी खींचतान का आलम ये हो गया है कि DOGE चीफ के पद से विदा हुए एलन मस्क अब न सिर्फ अपनी नई पार्टी बनाने के लिए ओपिनियन पोल करा रहे हैं बल्कि ट्रंप पर महाभियोग के लिए भी सोशल मीडिया पर राय ले रहे हैं हालांकि इस बीच उन्होंने एपस्टीन फाइल्स को लेकर ट्रंप पर लगाए गए आरोप वाला ट्वीट हटा लिया है. ट्रंप भी जवाब देने में उतनी ही तल्खी का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन यह समझना जरुरी है कि ओवल ऑफिस में जिन्हें माई डियर फ्रेंड कहते ट्रंप नहीं थकते थे उन्हीं मस्क से इतनी तनातनी आखिर कैसे हो गई. दरअसल जिस दिन ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कदम रखा ठीक उसके अगले दिन एक ऐसी फाइल साइन कर दी जिसने मस्क का मूड खराब कर दिया. इससे पहले DOGE में उनके साथ विवेक रामास्वामी को रखे जाने पर ट्रंप से वो भिड़ ही चुके थे लेकिन यह फाइल मस्क के सबसे बड़े बिजनेस यानी टेस्ला को सीधे चोट पहुंचाने वाली थी क्योंकि चार्जिंग स्टेशन के नेटवर्क बनाने से लेकर ईवी को बाकी रियायतें रोकने से सबसे ज्यादा नुकसान टेस्ला को ही हुआ जो सिर्फ ईवी बनाती है. इसके बाद भी मस्क ट्रंप के साथ लगे हुए थे क्योंकि उनका बड़ा इन्वेस्टमेंट ट्रंप पर है.

इसके बाद अगला बड़ा झटका मस्क को ट्रंप ने दिया एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के मुद्दे पर. जिस सैम ऑल्टमैन से मस्क का सीधा पंगा था उसे ट्रंप ने एआई के लिए बनी विशेष समिति थमा दी और इसमें मस्क को रखा तक नहीं गया. मस्क इसलिए भी हैरान थे क्योंकि वे ऑल्टमैन के साथ काम कर चुके थे और मानते थे कि एआई पर वो कम से कम इस बंदे से तो ज्यादा ही जानते हैं. इस बीच बिटकॉइन को लेकर भी दोनों के बीच कुछ उठापटक हुईं लेकिन इतने सब के बाद भी मस्क इसलिए ट्रंप के साथ बने रहे क्योंकि उन्हें भरोसा था कि वे ट्रंप को अपनी बात समझा देंगे लेकिन जिस अंदाज में ट्रंप ने टैरिफ वाले मुद्दे पर चीन को कुछ ज्यादा ही लपेट दिया उसने मस्क का धैर्य खत्म कर दिया. मस्क के लिए न सिर्फ चीन एक बड़ा बाजार है बल्कि उनका काफी प्रोडक्शन भी यहां होता है और इससे भी बड़ी बात यह कि ईवी के कुछ कंपोनेंट्स के लिए जरुरी सामान सिर्फ चीन ही उपलब्ध कराता रहा है. ऐसे में ट्रंप का चीन से भिड़ना मस्क के लिए भारी नुकसान का सौदा होना ही था. इसमें मस्क के साथ एप्पल भी आ जुटी जो बेवजह से सरकारी निर्देशों से तंग आकर सीधे विद्रोह वाली भाषा बोलने लगी. मस्क को लगा कि यदि इतना साथ मिल ही रहा है तो वो उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को आगे कर ट्रंप पर महाभियोग वाला दांव लगा सकते हैं लेकिन यहां मामला फिलहाल तो उलटा पड़ता हुआ लग रहा है क्योंकि वेंस ने मस्क को भला बुरा कह डाला है. ट्रंप ने मस्क को चौतरफा दबाने के लिए नासा से उनके रिश्ते खत्म करने से लेकर सारी सब्सिडी वगैरह तक रोक देने तक का कड़ा रुख अपनाने की बात कह दी है और जिस तरह मस्क ने एपस्टीन वााला ट्वीट डिलीट किया है उससे लगता है कि दुनिया के सबसे रईस इंसान पर अमेरिकी सरकार के मुखिया का दबाव दिखने लगा है हालांकि मस्क ने इस बसको एंटरटेनमेंट बताते हुए कहा है कि अभी सबसे मनोरंजक हिस्सा तो आना बाकी है यानी वो अभी चुप बैठने के मूड में तो नहीं हैं. ट्रंप ने टेस्ला और स्पेसएक्स के सरकारी ठेके बंद करने की धमकी दी जिससे मस्क की कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे और जनवरी से अब तक मस्क को करीब 32 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. टेस्ला के बाजार पूंजीकरण में 29 प्रतिशत की कमी आई है और इस साल लार्ज कैप शेयरों में सबसे खराब प्रदर्शन टेस्ला का ही है. जहां मस्क के DOGE संभालने से पहले टेस्ला दुनिया में आठवीं सबसे बड़ी कंपनी थी वो अब दो पयादान नीचे खिसक गई है यानी अब वो दसवें नंबर पर है. मस्क ने बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला और इसका विरोध भी मस्क ने झेला. कई जगह टेस्ला के शोरूम और गाड़ियां तोड़ी गईं, इससे भी मस्क को नुकसान हुआ.