Trump का आतंकियों के प्रति प्रेम, व्हाइट हाउस तक सीधी पहुंच
सीरिया में दस मिलियन डॉलर ईनाम वाले आतंकी से हाथ मिलाया और अब रॉयर और यूसुफ को एडवाइजर बनाया
अपने दूसरे टर्म के लिए वोट मांगते हुए जिस तरह ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर कड़ा रुख बता रहे थे उतना ही सख्त व्यवहार वो आतंकियों से करने का वादा भी कर रहे थे लेकिन सत्ता संभालने के सौ दिन होते होते उनके दावे और वादे ठीक उलटे पड़ते दिख रहे हैं. सीरिया में जिस आतंकी के लिए अमेरिका ने दस मिलियन डॉलर का ईनाम रखा था उससे हाथ मिलकार उसकी तारीफ करते हुए ट्रंप ने सीरिया से सारे प्रतिबंध भी हटा लिए. ऐसा एक नहीं कई मामलों में देखा गया और अब तो एक पत्रकार ने व्हाइट हाउस में पूर्व आतंकियों की इंट्री का भी खुलासा कर दिया है. पत्रकार लॉरा लूमर का कहना है कि 16 मई 2025 को व्हाइट हाउस ने जिन दो लोगों को ले लीडर्स एडवाइजरी में लिया है, वो दोनों आतंकवादी रहे हें और आतंकी सोच से उनका मजबूत रिश्ता है. इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ नाम के ये दोनों एडवाइजर बने व्यक्ति बाकायदा आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग ले चुके हैं.
इस्माइल रॉयर उर्फ रैंडल रॉयर को आतंकी गतिविधियां करने, आपराधिक साजिश, हिंसक अपराध करने, विस्फोटक और हथियार इस्तेमाल करने के मामलों में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी जिसमें से 13 साल की सजा उसने काटी है और 2017 से वह बाहर है. लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी आतंकी कैंप में प्रशिक्षित रॉयर के निशाने पर भारत मुख्य रुप से रहा. वह अल कायदा का भी समर्थक है. कश्मीर में वह कई आतंकी गतिविधियो मं शामिल रहा. दूसरा नियुक्त एडवाइजर शेख हमजा यूसुफ है जो कैलिफोर्निया में शरिया कानून की शिक्षा देने वाले कॉलेज के संस्थापक में से है. यूसुफ हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा रहा है. यूसुफ ने अमेरिका को कई बार नस्लवादी देश कहा है. वह यूएसए की आतंकी घटनाओं में शामिल रहे लोगों के समर्थन में कई बार बयान दे चुका है. यह अमेरिका की विदेश नीति को अल-कायदा में भर्ती का सबसे बड़ा साधन बताता रहा है और तो और 9/11 हमले को लेकर भी एफबीआई ने उससे पूछताछ की थी. इतनी खतरनाक पृष्ठभूमि के बाद भी यदि शेख हमजा यूसुफ और रॉयर ट्रम्प प्रशासन के लिए महत्व के लोग माने जाते हैं तो समझा जाना चाहिए कि ट्रंप की सोचने की दिशा पिछले कुछ समय में खतरनाक रुप से बदल गई है जिससे उनके वोटसर् भी चकित हैं.