September 1, 2025
वर्ल्ड

Tariff Terror को अपील कोर्ट ने बताया गैरकानूनी, ट्रंप अड़े

ट्रंप की शक्तियों को लेकर भी खड़ा हो गया बड़ा सवाल, बिना अमेरिकी कांग्रेस के फैसले करने पर भी प्रश्नचिन्ह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा कानूनी झटका देते हुए अपील कोर्ट ने दूसरे देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ को असंवैधानिक घोषित कर दिया. अदालत ने कहा है कि ट्रंप ने इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक पॉवर्स एक्ट (IEEPA) का दुरुपयोग करते हुए अपनी संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन किया है. इसमें बड़ी बात यह है कि 11 जज की पीठ में से 7 ने ट्रंप के टैरिफ टेरर को गैरकानूनी बताया हालांकि चार जज इससे सहम भी थे. कोर्ट ने साफ किया कि संविधान आयात शुल्क या टैक्स लगाने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस को देता है न कि राष्ट्रपति को. मई 2025 में ठीक यही फैसला कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने भी ऐसी टैरिफ नीति को असंवैधानिक बताया था.
कोर्ट के इस फैसले ने न सिर्फ टैरिफ पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि राष्ट्रपति के अधिकारों पर भी सवाल उठा दिए हैं और साथ ही यह बात भी रेखांकित कर दी है कि ट्रंप लगातार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्णय ले रहे हैं. अप्रैल 2025 से ट्रंप ने दूसरे देशों से आयात पर बेसलाइन से लेकर पचास प्रतिशत से ज्यादा तक का टैरिफ लगा दिया जिसमें भारत और ब्राजील जैसे देशों पर यह दर अधिकतम हो चुकी है. ट्रंप व्यापार घाटे और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर टैरिफ को जायज ठहराना चाहते थे लेकिन कोर्ट ने यह तर्क नहीं माना. कोर्ट ने कांग्रेस की मंजूरी के बिना लिए गए बड़े आर्थिक निर्णयों को अंसवैधानक करार दे दिया है और कहा है कि 14 अक्टूबर 2025 से पहले यदि ट्रंप सरकार चाहे तो वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जा सकती है और इस अवधि में टैरिफ कायम रहेंगे. ट्रंप इस फैसले से बुरी तरह बौखलाए हुए हैं और कह रहे हैं कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट तो जाएगी ही साथ ही पूरी दुनिया को यह भी बताएगी कि टैरिफ कायम हैं और रहेंगे. एक लंबी सी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि यदि टैरिफ हटाने की नौबत आती है तो यह अमेरिका के लिए विनाश जैसा कदम होगा. वे यहां तक कह रहे हैं कि यदि टैरिफ हटाए गए तो देश में 1929 जैसी महामंदी का दौर शुरु हो सकता है. यह फैसला अमेरिकी व्यापार नीति को कानूनन चुनौती देने की राह भी खोल रहा है और सुप्रीम कोर्ट भी इस फैसले को कायम रखे तो ट्रंप के लिए यह बेहद बुरा दौर होगा. यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स के इस फैसले ने ट्रंप को सीमा में रहकर ही काम करने का एक साफ और कड़ा संदेश भी दे दिया है.