October 27, 2025
वर्ल्ड

Subhanshu अंतरिक्ष से लौटे, कैसे रहेंगे हाल और चाल

18 दिन तक अंतरिक्ष स्टेशन पर किए कई प्रयोग

जब शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में जाना था तब उनका कार्यक्रम पांच बार स्थगित हुआ और आखिर 25 जून को वे और उनके साथी इंटरनेशनल स्पेस की यात्रा पर निकले. फिर उनके लौटने के कार्यक्रम में भी देर हुई लेकिन आखिर आज वो धरती पर लौट तो आए हैं लेकिन उनकी लैंडिंग नहीं हुई बल्कि उनके यान को पानी में उतारा गया है. वहां से उन्हें धरती पर लाया गया पर ऐसा नहीं है कि उन्हें धरती पर जिंदगी तुरंत और आसानी से शुरु हो जाएगी क्योंकि इतने दिन अंतरिक्ष में रहने के कारण उनके शरीर पर शून्य गुरुत्व के चलते जो प्रभाव पड़े हैं वे जाते जाते ही जाएंगे और इस प्रक्रिया में हफ्तों का भी समय लग सता है.

अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स की हड्डियों का घनत्व कम हो जाने से लेकर मांस कम होने तक के प्रभाव पड़ते हैं जिससे हाथ-पैर ही नहीं दिल पर भी इसका असर हो जाता है. अंतरिक्ष में हृदय की खून की पंपिंग वाला सिस्टम भी काफी उलट रहता है और इससे भी शरीर पर काफी प्रभाव पड़ते हैं, यही वजह है कि अठारह दिन तक अंतरिक्ष में रहे शुभांशु और उनके साथियों को पूरे शरीर के प्रक्रिया पृथ्वी के हिसाब से सैटल होने तक बेहद सुरक्षित तरीके से रखा जाएगा. इन सभी यात्रियों को वापसी पर कुछ दिन तक तो अपना वजन भी काफी ज्यादा लगता रहेगा और चक्कर ने या मतली जैसी फीलिंग के अलावा इन्हें कुछ दिनों तक देखने में भी दिक्कतें आएंगी. ये सभी शून्य ग्रेविटी में अठारह दिन रहे हैं और इस बीच इन्होंने पृथ्वी के 288 चक्कर लगाए हैं लेकिन इस दरमियान उनके पैरों को जमीन पर दबाव बनाकर चलने की आदत भी नहीं रही है इसलिए इन्हें कुछ दिनों तक बेबी फीट पर चलते हुए कुछ दनों बाद ही अपनी पुरानी चाल वापस मिल सकेगी. शुभांशुऔर साथी अंतरिक्ष से वापस तो लौट आए हैं लेकिन अभी उनके ‘हाल’ और ‘चाल’दोनों ही कुछ दिनों तक सामान्य नहीं रहने वाले हैं बल्कि कुछ दिन तो इन्हें सुधरने में ही लग जाएंगे.