Pope Francis की विदाई और ट्रंप की झपकी
काली ड्रेस पहन कर आने का ड्रेस कोड भी नहीं माना ट्रंप सहित कई लोगों ने
पोप फ्रांसिस को रोम को सांता मारिया मैगिओर बेसेलिका में अंतिम विदाई देते हुए दफना दिया गया. यह पहली बार है जब उस जगह पोप नहीं दफनाए गए जहां अब तक के लगभग सभी अंतिम तौर पर आराम फरमा रहे हैं. पोप के अंतिम संस्कार के साथ ही कई पुरानी परंपराएं भी दफ्न हो गईं जैसे पोप के लिए साधारण सा लकड़ी का ताबूत बनायाय गया जबकि अब तक तीन लेयर वाले खास ताबूत बनाए जाते थे और वह भी एक नहीं तीन तीन. इसी के साथ पोप फ्रांसिस ने इस बात के लिए भी इंकार कर दिया था कि उनके अंग निकालकर सुरक्षित किए जाएं जैसा कि अब तक के कई पोप के साथ किया गया है कि उनके कुछ आंतरिक अंग एक चर्च में सुरक्षित रखने के लिए निकाले गए.
पोप को अंतिम विदाई देने के लिए लगभग तीन लाख लोग वेटिकन में जुटे और इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर ब्रिटेन के राजकुमार तक शामिल हुए. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी यहां पहुंचे और पहली फुरसत में उन्होंने ट्रंप से मुलाकात की, चूंकि जब वो ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस गए थे तब उन्हें बेइज्जत कर निकाल दिया गया था, तभी से जेलेंस्की ने तय कर रखा था कि ट्रंप को वे एक बार शांति से तो मिलेंगे ौर आखिर वेटिकन में ये दोनों शांति से मिल ही नहीं लिए बल्कि ट्रंप ने पुतिन के युद्ध ने रोकने पर चिंता भी जता दी. पोप के अंतिम संस्कार को लेकर सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर दो तथ्य चल रहे हैं. पहला तो ये कि वेटिकन ने जो ड्रेस कोड जारी किया था उसे कई लोगों ने फॉलो नहीं किया जिसमें ट्रंप, जेलेंस्की, भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और ब्रिटिश राजा चार्ल्स का प्रतिनिधत्व कर रहे प्रिंस विलियम भी शामिल हैं. ड्रेस कोड में पुरुषों को काला ड्रेस पहनना जरुरी किया गया था और लंबी काली नेकटाई लगानी थी लेकिन ट्रंप अपने नीले सूट में पहुंचे जिस पर लाल टाई चमक रही थी. जेलेंस्की युद्ध शुरु होने के बाद से जिस ड्रेस में दिखते रहे हैं कमोबेश वही ड्रेस उन्होंने पोप को विदाई देने के लिए भी चुनी. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी नीली साड़ी पहनी हालांकि उन्होंने पोप को प्रणाम करने से पहले उस पर एक काला कोट डाल कर काफी हद तक कोड को पूरा कर दिया. अपने पापा यानी किंग चार्ल्स के बीमार होने के चलते पोप को विदाई देने पहुंचे विलियम ने भी ड्रेस कोड फॉलो नहीं किया. जो दूसरी बात सोशल मीडिया पर हंगामा मचाए हुए है वह अगली पंक्ति में बैठे ट्रंप की झपकी. 170 देशों के प्रतिनिधियों में पहली पंक्ति में बैठे ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया कुछ देर तो शांति से बैठे रहे लेकिन कुछ ही देर में ट्रंप ऊंघते नजर आए और फिर एक मौके पर तो उन्हें झपकी लेते भी देखा गया. यूं तो इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन भी शामिल हुए लेकिन वो पहली पंक्ति में नहीं थे इसलिए उन पर कम ही ध्यान रहा.