May 7, 2025
वर्ल्ड

Pope Francis की अंतिम क्रिया में कई परंपराएं टूटने वाली हैं

जहां अब तक पोप दफनाए जाते रहे वहां नहीं दफन होंगे फ्रांसिस, अंग भी नहीं निकाले जाएंगे

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब उनके अंतिम संस्कार को लेकर तैयारियां जारी हैं लेकिन इस बार कई तरीके और परंपराएं बदल जाएंगी यानी अब तक जिस तरह पोप को दफनाने की जो विधि रही हैं उनमें फांसिस की इच्छा के मुताबिक बदलाव हो जाएगा और इसके साथ ही कई तो सदियों परंपराएं भी टूट जाएंगी. सबसे पहली बात जो नई होगी वह तो यही कि पोप फ्रांसिस को वेटिकन ग्रोटोज में अन्य पोप के समकक्ष नहीं दफनाया जाएगा बल्कि उनकी पसंदीदा जगह सांता मारिया मैगीगोर बैसिलिका में दफनाया जाएगा. वेटिकन के ग्रोटोज में अब तक के लगभग सभी पोप दफनाए गए हैं लेकिन फ्रांसिस जीते जी ही कह गए थे कि उन्हें मैगीगोर बैसीलिका में दफनाया जाए. उन्होंने अपनी इच्छा में यह भी शामिल किया कि उन्हें दूसरे पोप की तरह राजसी तरीके से विदाई न देते हुए एक साधारण पादरी की तरह अंतिम स्थल तक पहुंचाया जाए.

मैगीगोर बैसिलिका चर्च को फ्रांसिस बेहद पसंद करते थे और यही वजह है कि कुछ लोग उनसे नाखुश भी रहे कि वे वेटिकन के मुख्य चर्च की बजाए इसे इतना क्यों पसंद करते हैं. पोप के लिए इस बार तीन परतों वाला ताबूत भी नहीं बनाया गया है क्योंकि इसके लिए भी फ्रांसिस मना कर गए थे और उन्होंने कहा था कि उनके लिए एक साधारण लकड़ी का कॉफिन ही बनाया जाए जबकि अभी तक हर पोप के लिए तीन कॉफिन बनते आए हैं और वे सभी सीसा, लकड़ी और देवदार की परतों में रखे जाते रहे हैं. एक और बड़ी बात फ्रांसिस मना कर गए हैं वह है शरीर से अंग निकाल कर सहेजने के लिए. दरअसल अब तक परंपरा रही है कि पोप के हार्ट, लीवर और पैंक्रियाज निकाल कर सुरक्षित रखे जाते हैं और इस परंपरा के तहत ही 22 पोप के ऐसे अंग संगमरमर के कलशों में ट्रेव फाउंटेन के पास एक चर्च में रखे गए हैं लेकिन फ्रांसिस इसके लिए साफ मना कर गए हैं.