August 2, 2025
वर्ल्ड

Panama Canal पर चीन का कब्जा अमेरिका को अखर रहा

ट्रंप लंबे समय से इस पर फिर कब्जा करने के लिए कसमसा रहे हैं लेकिन चीन का दबाव बढ़ता ही जा रहा है

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भले अपने टैरिफ टेरर को दुनिया भर में हलचल मचाने के लिए इस्तेमाल किया हो लेकिन उन्हें एक के बाद एक जगह मात भी खानी पड़ रही है. ऐसा ही कुछ पनामा नहर में मामले में भी होता नजर आ रहा है, ट्रंप जहं पनामा पर हर हाल में कब्जा करने की नीत साफ कर चुके हैं वहीं इस मोर्चे पर चीन उन्हें मात देता लग रहा है. पनामा का नियंत्रण चीन के पास जाना लगभग तय माना जा रहा है. पनामा नहर अभी एक चीनी नागरिक के ही हाथों संचालित है और अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉकऔर हांगकांग की सीके हचिसन के बीच समझौता बातें बंद होने के बाद माना जा रहा है कि संचालन इन्हीं हाथों में बना रहेगा.

पनामा नहर अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ती है और दुनिया भर के व्यापार के लिहाज स बहुत महत्वपूर्ण रास्ता है. नहर को 1914 से 1999 तक अपने कब्जे में रखने के बाद अमेरिका ने इसका नियंत्रण पनामा को दिया था. ट्रंप लंबे समय से कह रहे हैं कि अमेरिका को पनामा नहर फिर अपने कब्जे में लेना चाहिए. ब्लैकरॉक जैसी कुछ अमेरिकी कंपनियों को इस क्षेत्र में काम दिलाने का प्रयास कर रहे ट्रंप पनामा के दो प्रमुख बंदरगाहों पर अमेरिकी कंपनियों का नियंत्रण चाहते थे लेकिन तीन लाख करोड़ की मानी जा रही इस डील की समझौता बातचीत खत्म हो गई है. हचिसन का कहना है कि ब्लैकरॉक से बातचीत का समय खत्म हो गया है. हचिसन 1997 से ही पनामा के इन बंदरगाहों पर काबिज है, हचिसन को चीन क नागरिक और अब हांगकांग में रह रहे अरबपति ली का-शिंग कंट्रोल करते हैं. ट्रंप इस सबसे खासे नाराज हैं उनका कहना है कि हमने पनामा को यह नहर सौंपी थी लेकिन उसे चीन चला रहा है और जमकर वसूली कर रहा है. इसलिए अब हम वापस ले रहे हैं. पनामा नहर पर चीन का नियंत्रण अब अमेरिका को अखर रहा है लेकिन इसे वापस लेने के लिए उसे चीन से सीधे भिड़ना होगा.