आतंकी सैफुल्लाह बोला मुदस्सर के जनाजे में जाने के लिए अनुमति नहीं मिली
मुरीदके में मरकज पर ऑपरेशन सिंदूर में मरे मुदस्सर को लेकर किससे मांगी गई थी अनुमति
पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले सैफुल्लाह कसूरी ने अपने करीबी आतंकी साथी की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मौत पर एक ऐसा बयान दिया है जिससे सवाल उठ रहा है कि आखिर इस आतंकी ने अनुमति किससे मांगी थी. दरअसल सैफुल्लाह का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब मुरीदके पर हमला हुआ तो मुदस्सर भी उसमें मारा गया लेकिन जब मैंने उसके दफन कार्यक्रम में जाने की अनुमति मांगी तो मुझे रोक दिया गया और अनुमति नहीं दी गई. यूं तो इस सबके बीच सैफुल्लाह ने यह भी कहा कि वह मुदस्सर के मारे जाने पर बहुत रोया और यह भी कि उसका शव इस कदर क्षत विक्षत हो गया था कि उसके दफन के लिए कुछ हिस्से ही बचे थे लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि आखिर आतंकी सैफुल्लाह ने जनाजे में जाने के लिए अनुमति किससे मांगी थी और यदि यह अनुमति पाकिस्तान सरकार से मांगी गई थी तो क्या इस डर से उसे अनुमति नहीं मिली थी कि सैफुल्लाह भी जनाजे के दौरान ही मारा न जाए.
यूं तो सैफुल्लाह का नाम उस सूची में भी शामिल है जो भारत ने उन आतंकी नामों के साथ दे रखी है जिनकी भारत को दरकार है लेकिन पाकिस्तान सरकार से यह उम्मीद तो की ही नहीं जा सकती कि वह आतंकी के बारे में भारत को सूचित करेगी लेकिन उसका यह दावा कि उसे अनुमति नहीं मिली, यह सवाल तो पूछने के लिए मजबूर करता ही है कि आखिर आतंकी किससे अनुमति मांगते हैं. वैसे मुरीदके हमले सहित बाकी जगहों पर सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि भी सैफुल्लाह के इस बायान से होती है.