June 21, 2025
वर्ल्ड

Obama ने लिया यू टर्न, कमला को समर्थन नहीं

कमला पर ओबामा का हमला
राष्ट्रपति पद की रेस से बिडेन के हटने के बाद कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में जोरदार माहौल बन गया और उन्हें धड़ाधड़ चंदा भी मिलने लगा लेकिन अब तक पर्दे के पीछे से बिडेन को ‘ड्राइव’ कर रहे ओबामा ने कमला को समर्थन देने से इंकार कर दिया है. दरअसल ओबामा का लंबे समय से गणित यही चल रहा था कि जैसे ही बिडेन चुनाव से हटेंगे तो मिशेल को आगे कर दिया जाएगा और इसी क्रम में उन्होंने लंबे समय तक तो बिडेन का साथ दिया लेकिन जब चुनाव करीब आ गए तो उन्होंने बिडेन को खुली सलाह दे डाली की उम्र के असर को देखते हुए उन्हें चुनाव से हट जाना चाहिए. यह तो कहा ही जा रहा था कि ये चुनाव बिडेन के पीछे से दो पूर्व राष्ट्रपतियों द्वारा अपनी अपनी पत्नी की उम्मीदवारी के लिए जाना जाएगा लेकिन खुलकर इस पर कुछ कहा ही नहीं जा रहा था. अब आलम यह है कि बिल क्लिंटन ने तो हिलेरी के बाहर होने को स्वीकार करते हुए कमला को समर्थन देने की बात कह दी है लेकिन ओबामा इस बात को गले नहीं उतार पा रहे हें कि उनकी बिछाई बाजी में उनकी पत्नी ही मात खा चुकी हैं और हिलेरी-मिेशेल के नामों के बीच कमला बाजी मार ले गई हैं. वैसे कमला हैरिस के नाम पर कुछ तो माहौल बना ही है क्योंकि बिडेन के होते तो चुनाव होने से पहले ही हारा हुआ महसूस किया जा रहा था और ट्रंप की जीत इतनी तय मानी जा रही थी कि उनके सहयो गयों ने काम करने का 900 पेजों का ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया था.
चुनाव अमेरिका का बयान ठीक भारतीय चुनाव जैसे
ट्रंप की पार्टी को यदि भारत की भाजपा के समान मान लिया जाए तो बिडेन, हैरिस, क्लिंटन और ओबामा वाली पार्टी यानी डेमोक्रेट्स बिलकुल उसी तर्ज पर चुनाव में उतरे हैं जैसे यहां इंडी गठबंधन उतरा था और तो और बयान भी ठीक वैसे ही दिए जा रहे हैं. भारत में बार बार यह बात कही गई कि यदि मोदी चुनाव जीत गए तो संविधान खतरे में आ जाएगा और इसे खत्म कर दिया जाएगा. इसी के चलते इंडी गठबंधन के नेता पूरे समय संविधान की प्रतियां लहराते दिखे थे. अब अमेरिका में कमला हैरिस भी ठीक यही बात कह रही हैं कि ट्रंप के जीतते ही अमेरिकी संविधान खतरे में आ जाएगा ओर यह भी कि ट्रंप ने संविधान खत्म करने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिडेन के बाद मैदान में आईं कमला ने अपने पहले ही भाषण में ट्रंप के लिए ठीक वही बातें दोहराईं जो यहां भारत में हम चुनावों के दौरान मोदी के लिए सुन चुके हैं.