Musk की टीम और खलबली है खलबली का माहौल
USA से ‘मनजी’ की ताजा खबरें और विश्लेषण
USAid के बाद अब ट्रेजरी के खर्चों पर है ट्रंप की नजर
नमस्कार प्रिय मित्रों और पाठकों- पावन कर्मभूमि अमेरिका से ताज़ातरीन ख़बरें लेके आए है आपके अपने प्रिय संवाददाता श्री भूरेलाल जी- सरकारी विभागों का ऑडिट कर रहे मस्क और उसके छह चिलगोज़े अपना काम अब तक पूर्ण दक्षता से कर रहे है. इन्होंने usaid, मेडिकल डिपार्टमेंट, शिक्षा विभाग आदि में सेंध मार तमाम भुगतानों आदि का ब्योरा खेंच निकाला है बल्कि इन सब विभागों के सब कर्मचारियों की कक्षा लगा दी- सब को खड़ा कर पूछा – जे बताओ, तुम लोग करते क्या हो. अब तक अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों में खूब खलबली मच चुकी है. पचास हज़ार से ऊपर लोगों ने स्वच्छेचा से सेवामुक्ति ले ली है और अब मस्क और उसके छह पिट्ठू जो महज़ बीस चौबीस साल के टेक्निकल लौंडे है- अपनी खटिया लेके अमेरिकन ट्रेज़री डिपार्टमेंट में घुस चुके है. और इस के बाद राजधानी में क़यासों का बाज़ार गर्म है- खलबली और तेज़ हो चुकी है. अदालतों में केस फाइल हो चुके है कि इन बछड़ों को अमेरिकन ट्रेज़री की सम्पूर्ण एक्सेस कैसे दी जा सकती है.
पाठकों की सूचना हेतु- ये विभाग अमेरिका के तमाम विदेशी बिल चुकाता है मसलन ट्रेज़री बांड्स का ब्याज आदि, सरकारी लोन के ब्याज, मासिक किश्त आदि. इसके अलावा ये ख़ज़ाना विभाग सम्पूर्ण देश के भिन्न विभागों को पैसा भी वितरित करता है. पिछले वर्ष इस विभाग ने लगभग साढ़े पाँच ट्रिलियन डॉलर का भुगतान समूची दुनिया और अमेरिका में किया था. अब तक इस टीम ने जो जो खुलासे किए थे वो केवल मिलियन और बिलियन के थे- और इनके लाभार्थी एनजीओ , विदेशी सरकारें, पत्रकार आदि थे. लेकिन अब ये विभाग इस से अधिक अमाउंट का वितरण के आंकड़े ब्योरे निकलने की आशंका है. पिछले जुम्मे इस मुद्दे पर इधर की अदालत में अनेक लोगों ने इस पर पेटिशन दाखिल की कि मस्क और इन छह लौंडों को इस विभाग की एक्सेस देना एक राष्ट्रीय ख़तरा है. दलील दी गई कि ना केवल ये ज़ालिम लोग सब आंकड़े पब्लिक कर देते है बल्कि ये लोग इन सिस्टम्स में अपने कोड लिख ऐसा कर रहे है कि पुराने कर्मचारियों के काम बहुत रेस्ट्रिक्ट हो जायें. इसके अलावा ये छोकरे बुजुर्ग और तजुर्बेकार कर्मचारियों से बुरा बर्ताव करते है- खड़ा कर सवाल करते है – पूछते है तुम लोग करते क्या हो- यहाँ डेमो दे कर दिखाओ. अदालत ने सुनवाई करते हुए निर्णय दिया कि टोटल एक्सेस केवल एक लड़के को दो- सभी को नहीं. अब वो बेचारा अकेला लगा पड़ा है. कुल मिला ख़ौफ़ का माहौल है- और अभी पार्टी शुरू ही हुई है.
इस मुद्दे पर भूरेलाल जी ठंडी आहें भर बोले-
कर रहा था ग़मे जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आए.
और पलटवार करते हुए पिछले पूर्व बुढ़ऊ राष्ट्रपति ने शेर पढ़ा-
आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद
मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग!
कैमरामैन मुसद्दीलाल के साथ रिपोर्टर भूरेलाल जी!
दूसरा भाग-
पावन कर्मभूमि अमेरिका से आप श्री भूरेलाल जी की जानिब से एक और तड़कता समाचार सुनिए.
आजकल सरकारी नौकरों पर गाज गिरी हुई है- सरकारी प्रोग्रामर्स से कोड लिख उनकी महत्वता साबित करने को कहा जा रहा है. सब कर्मचारियों को आठ महीने के पैकेज पर नौकरी मुक्त करने का प्रस्ताव भी दिया गया है- अब तक चालीस हज़ार लोगों ने ये ऑफर स्वीकार कर लिया है. इन्हें सितंबर तक नौकरी करनी होगी- हर महीने पगार मिलेगी- फिर ये लोग नौकरी मुक्त हो जायेंगे. इन सब कार्यवाहियों के पीछे मस्क की टीम है- मस्क ख़ुद इस काम के अगुआ है. सरकारी कर्मचारियों की इस व्यथा को देख ट्विटर के भूतपूर्व कर्मचारी अब आगे आ रहे है और सरकारी लोगों की काउंसलिंग कर रहे है कि मस्क से कैसे निपटा जायें. ये लोग वहीं है जिन्हे मस्क ने ट्विटर ख़रीद कर gpl कर निकाला था. इन फायर किए भूतपूर्व ट्विटर कर्मचारियों का कहना है कि मस्क निहायती तानाशाही मेंटालिटी वाला मालिक है जो एक एक कर्मचारी से उसकी इम्पोर्टेंस पूछता है. वो एक मिनट नहीं लगता किसी को भी लात मारने में. उसके काम करने का नियम है- either it’s my way or highway. इन लोगों का सरकारी विभाग को सलाह है या तो काम करते दिखाई पड़ो या फिर दूसरी नौकरी ढूँढनी शुरू कर दो. अनेक कर्मचारी ट्विटर पर ही आकर अपनी व्यथा सुना रहे है कि किस तरह मस्क ने ट्विटर ख़रीद तानाशाही का परिचय दिया है.है ना कित्ती बड़ी तानाशाही .
इस पर श्री भूरेलाल जी पुराने दिन याद करते बताते है- जब मस्क ने ट्विटर ख़रीदा था तब उसके सीईओ पराग अग्रवाल के साथ बड़ा बुरा व्यवहार किया था. रोज़ उसे एक लाइन की ईमेल लिख पूछता था- आज तुमने क्या किया? मीटिंग में पराग से कहता था प्रोग्रामिंग का वो कोड दिखाओ जो तुमने कभी भी लिखा हो. यही नहीं मस्क ने ट्विटर की लीगल हेड विजया को भी आईना दिखाया था और उसे बैठे बैठे नौकरी से हकाल दिया था. किसी ज़माने में विजया का रुआब था – उस से बड़े बड़े लोग डरते थे- सब रुआब एक क्षण में झाड़ दिया था. आज दोनों पता नहीं कहाँ गुमनामी में खो चुके है. आगे भूरेलाल जी सर्द आहें भरते हुए कहते है- मस्कवा इतना ज़ालिम है कि ट्विटर की अस्सी प्रतिशत कर्मचारियों की जमात को तुरंत निकाल फेंका जिस में डाइवर्सिटी से लेके तमाम बकर वाली पोस्ट या पद थे. केवल बीस प्रतिशत वर्कफोर्स रख कर उसने ट्विटर को मुनाफे में ले आया. सेंसरशिप वाली टीम की भी तुरंत छुट्टी कर डाली थी. ब्राज़ील की ट्विटर टीम को भी साफ़ कर डाला था. तानाशाह के रूप में था मस्कवा. श्री भूरेलाल जी अंत में बजा फ़रमाते है- ए सरकारी नौकरों, बच कर रहना इस ज़ालिम से, ये बड़ा जुल्मी है.खोदा का शुक्र है ऐसे ज़ालिम लोग अपने मुलुक में नहीं होते है.
ये कह भूरे लाल जी ने शेर पढ़ा-
ज़ब्त लाज़िम है मगर दुःख है क़यामत का फ़राज़
ज़ालिम अब के भी ना रोएगा तो मर जायेगा.
कुछ और भी हैं खबरें-
- ट्रम्प महाशय ने अमेरिका में पेनी ढालने के कार्य को रोक दिया है. पेनी का अर्थ एक सेंट का सिक्का: यहाँ का एक पैसा. महाशय का कहना है कि इस एक पैसे के सिक्के को बनाने में दो पैसे का खर्चा होता है.अब से अमरीका में पेनी नई नहीं ढाली जाएगी. एक पैसे का अस्तित्व अब समाप्त होने के कगार पर है.
इस पैसे की कहानी पे भूरे लाल जी अर्ज़ करते है-
पैसा ही रंग-ओ-रूप है, पैसा ही माल है
पैसा ना हो तो आदमी, चर्ख़े का माल है!
- अमेरिका में आजकल अंडे बहुत महंगे हो रहे है. बर्ड फ्लू फैलने के कारण अंडों का उत्पादन कम हो रहा है. आध डॉलर प्रति अंडे का सरचार्ज अनेक रेस्तरा लगाने लगे है. अंडों के लेके जनता में एक उत्जेतना फ़ैल रही है: अंडे आसानी से नहीं मिल रहे है.
अंडों के लिए भूरे लाल जी अर्ज़ करते है-
उठा कर फेंक दो बाहर गली में
नई तहज़ीब के अंडे हैं गंदे!
- ट्रम्प की नई नीतियों और टैरिफ के कारण महंगाई पैर फैलाने लगी है. सब्ज़ी तरकारी आदि पर असर पड़ने लगा है. हाल में स्टील पर पच्चीस प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है जिसका असर सीधे सीधे भारत की स्टील इंडस्ट्री पे पड़ेगा.
इस मुआमले पर भूरे लाल जी ने जब अर्ज़ करने की कोशिश की तो कैमरामैन मुसद्दीलाल जी बिदक कर बोले-
अमा म्या, शेरो शायरा मुशायरे में आए हो क्या? अब कैमरामैन मुसद्दीलाल जी बर्खास्त होने के कगार पर है.