Los Angeles में अवैध आप्रवासियों का हंगामा, फिलिस्तीनी झंडा़ें के साथ दंगे
अराजक माहौल में पुलिस वालों पर हमला करने से भी नहीं चूक रहे प्रदर्शन कर रहे वाले
अमेरिका के लॉस एंजल्स में दंगे भड़क गए हैं और इसके पीछे वजह यह है कि फिलिस्तीन समर्थकों की भारी भीड़ ट्रंप की उस इमिग्रेशन पॉलिसी का विरोध कर रही है जिसमें अवैध तरीके से रह रहे लोगों को जबरन निकाला जा रहा है. मामला पिछले कुछ दिनों से धधक रहा था और जब पुलिस अवैध आप्रवासियों को पकड़ने जा रही थी तो उस पर हमले भी हो रहे थे लेकिन जब इसमें फिलिस्तीन समर्थकों ने सक्रिय होकर उत्पात मचाना शुरु कर दिया तो हालात बिगड़ गए.
ट्रंप ने कहा है कि यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे रेडिकल लेफ्ट की कारस्तानी बताया है. बड़ी संख्या में नेशनल गार्ड्स को सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर की सड़कों पर उतारा गया है लेकिन जो हालात हैं वो आसानी से काबू में आते नहीं दिख रहे हैं. सड़कों पर उपद्रवी गाड़ियां रोक कर उन्हें जला दे रहे हैं और बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी झंडे भी यहां वहां लहराते हुए देखे जा रहे हैं.
इस पूरे मामले को अमेरिका में रह रहे ख्यात विश्लेषक मनजी कुछ इस तरह समझाते हैं…
अमेरिका से ताज़ा समाचार ये है कि कैलिफोर्निया सूबे के लॉस एंजल्स शहर में हालत बेहद शोचनीय है. दरअसल जब से राष्ट्रपति ट्रम्प ने ज़िम्मा संभाला है, अवैध प्रवासियों को खदेड़ने की कवायद जोरो से चल रही है. इसके चलते तमाम राज्यों में सुरक्षा बल अवैध घुसपैठियों को पकड़ डिपोर्ट कर रही है. किंतु कैलिफोर्निया राज्य सरकार ने इस मुहिम में केंद्र का साथ देने से इनकार कर दिया. केंद्रीय सुरक्षा बल जबरन फिर भी इस पकड़ मुहिम में जुटे रहे. इसके चलते अनेक अवैध प्रवासियों ने शहर में आगजनी मचा दी. राज्य और शहर की पुलिस उनका साथ दे रही थी लिहाजा केंद्र के नेशनल गार्ड – केंद्रीय सुरक्षा बल शहर में सशस्त्र हो अंदर आ गए.
हालात ये है कि शहर की एक्सप्रेस वे आदि पे प्रदर्शन चल रहे है. अवैध घुसपैठियों ने अनेक वाहन फूंक दिए जिनमे अनेक वाहन केंद्रीय सुरक्ष बलों के है. एफबीआई आदि ने अनेक नोटिस जारी किए है जिन में नक़ाब धारी प्रदर्शन कारियों की लुक आउट और पचास हज़ार डॉलर का इनाम घोषित किया है. कैलिफोर्निया गवर्नर ने ट्रम्प से गुहार लगाई है कि आप अपने सुरक्षा बल- नेशनल गार्ड्स को वापस बुला लें और हमे अवैध घुसपैठियों के साथ रहने दें. कामाला ने भी ठीक यही कहा है. देखना ये है कब तक केंद्र अपना रवैया अख्तियार रखता है. या फिर राज्य सरकार के आगे झुकता है.
इसे कुछ ऐसा मान लो कि यदि कभी भारत केंद्र सरकार अवैध बांग्लादेशियों को बाहिर करने की मुहिम चलाए और वेस्ट बंगाल में भी ऐसा करने की कोशिश करने तो क्या बंगाल सरकार और बंगाल पुलिस केंद्र बलों की मदद करेंगे?
कुछ ऐसा ही अमेरिका में हो रहा है!