Iskon को बांग्लादेश सरकार करना चाहती है बैन
जिस वकील ने इस्कॉन की ओर से लड़ना तय किया उसे भी मार दिया गया
बांग्लादेश की कामचलाऊ सरकार का मानना है कि इस्कॉन कट्टरपंथी संगठन है. इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को बांग्लादेश की एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया था और उनकी कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि इस्कॉन एक कट्टरपंथी संगठन है जिस पर बैन करने की कार्रवाई जारी है. बांग्लादेश की चटगांव हाईकोर्ट में एक वकील ने अपनी याचिका में कहा है कि इस्कॉन पर को बैन लगाया जाना जरुरी हैँ क्योंकि इसकी गतिविधियों द्रेशद्रोह की श्रेणी की हैं. बांग्लादेश के ही कुछ अतिरेक वाली मीडिया क्लिपिंग्स देकर वकील ने यह मांग की है जिसके समर्थन में यूनुस सरकार भी दिख रही है और माना जा रहा है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी भी इसी योजना का एक हिस्सा है. यूनुस सरकार ने कोर्ट में कहा है कि इस संगठन पर हमारी सरकार पहले ही कार्रवाई पर विचार कर रही है. सरकार ने कहा है कि इस संगठन की जांच भी जारी है और बैन की कार्रवाई पर भी काम चल रहा है.
इस बीच इस्कॉन के इस संत की तरफ से लड़ने वाले वकील की भी लोगों ने हत्या कर दी है. गिरफ्तार किए गए चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उन्हें एक बार फिर जमानत देने से इंकार कर दिया गया है. चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद भारत की ओर से जारी बयान भी यूनुस सरकार को पसंद नहीं आया है जबकि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू इस घटना से उद्वेलित हैं और इसके चलते कोर्ट परिसर में खूब हंगामा भी हुआ. प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बांग्लादेश की पुलिस ही नहीं कट्टरपंथियों ने भी ईंट, पत्थर बरसाए और लाठियाँ चला कर कई लोगों को घायल कर दिया.