Iran- Israel War में अभी नहीं उतरेगा अमेरिका
व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि अभी ईरान से बातचीत की संभावना इसलिए युद्ध में उतरने का निर्णय एक दो सप्ताह में लेंगे
अमेरिका ने इजराइल को युद्ध के बीच में ही झटका दे डाला है, कल तक जो ट्रंप अपनी युद्ध में उतरने की तैयारियों का जिक्र कर रहे थे उन्होंने अब कह दिया है कि वो ईरान इजराइल युद्ध में उतरने या दूर रहने के बारे में फैसला अगले एक दो सप्ताह में ही कर पाएंगे. यह बात व्हाइट हाउस की तरफ से तब सामने आई है जब ईरान ने इजराइल के अस्पतालों तक को निशाना बनाने में कोई शर्म नहीं की और अब तो वह क्लस्टर बम भी चला रहा है. हालांकि इजराइल के लिए इतना भी काफी है कि अमेरिका जिस तरह से उसे अब तक स्ट्रेटेजिक सपोर्ट देता आया है वही उपलब्ध कराता रहे लेकिन ट्रंप के इस निर्णय को जियोपॉलिटिकल तौर पर एक धोखा ही माना जा रहा है. अमेरिका का तर्क है कि ईरान शायद बातचीत के लिए टेबल पर आ जाए और यदि ऐसा होता है तो उसका लड़ाई में उतरना गलत होगा, हालांकि अभी तक ईरान की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि वो युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी मध्यस्थता में बात करने को तैयार है.
जिस तेजी में पिछले दिनों अमेरिकी सेना की तैयारियां दिखाई जा रही थीं और फ्लीट का मूवमेंट चल रहा था उससे लग रहा था कि अमेरिका किसी भी पल इजराइल की तरफ से ईरान के खिलाफ उतर पड़ेगा लेकिन अब एक से दो सप्ताह की बात कहकर ट्रंप ने एक तरह से यह कह दिया है कि इजराइल अपने हिसाब से ही मामले को निपटे, कमोबेश यही बात कल रूस ने ईरान को लेकर कह दी थी कि वो यदि अकेले ही लड़ रहे हैं तो हमें क्यों उतरना चाहिए, यदि वो हमसे मदद मांगते हैं तो अगो देखा जाएगा. वैसे पिछले दिनों ईरान इजराइल मामले में इतनी तो प्रगति हुई ही है कि ईरान के सारे बड़े अफसर खत्म हो जाने के बाद खबरें आने लगी हैं कि खोमैनी के बेटे को उनकी गद्दी सौंपी जा सकती है और इसके पक्ष में कहा जा रहा है कि खोमैनी नब्बे की उम्र की तरफ बढ़ रहे हैं इसलिए यह कदम उठाया जा सकता है लेकिन सच यह है कि अब ईरान ने भी मान लिया है कि खोमैनी का अंत करीब है. इस बीच खोमैनी उस भतीजे ने भी ईरान की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की वकालत की है जिसे खोमैनी की ज्यादतियों के चलते अस्सी के दशक में ईरान छोड़कर भागना पड़ा था.