Iran में नया निजाम, सुधारवादी राह पर चलेंगे नए राष्ट्रपति
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथियों को बड़ा झटका लगा है. सुधारवादी नेता मसूद पजशकियान ने सईद जलीली को हराते हुए ईरान के लिए नई राह खोल दी है. मसूद का नारा ही ‘नया ईरान’ था, उनके आने से सबसे पहले महिलाओं को राहत मिलने की उम्मीद जागी है क्योंकि मसूद ने हिजाब को जरुरी रखने वाले नियम को बदलने की बात कही थी. 45 साल बाद ईरान में बड़े सुधार तेज होने की बात मसूद के जीतते ही चलने लगी हैं. पेशे से दिल के सर्जन मसूद से उम्मीद की जा रही है कि वे राष्ट्रपति बनने के साथ ही ईरान में कट्टरपंथ की सर्जरी शुरु करेंगे.
सत्तर साल के मसूद मां कुर्दिश मूल की थीं इसलिए उनसे कुर्दों को लेकर भी नए नजरिए की संभावना जताई जा रही है. 1994 में कार दुर्घटना में पत्नी व एक बेटी को खो देने के बाद दो बेटों और एक बेटी का उन्होंने अकेले ही लालन पालन किया. देश में एकता और सद्भाव लाने के के अलावा वे दूसरे देशों से भी संबंध बेहतर बनाने की वकालत करते हैं इसमें अमेरिका भी शामिल है, मसूद के आने के बाद ईरान की अब तक की जो नीतियां चली आ रही हैं उनमें मूलभूत परिवर्तन देखा जा सकता है.