BBC को भारत सरकार ने दी चेतावनी, हत्यारों को हत्यारा तो कहें
भारत विरोधी विचारों के चलते बीबीसी सहित कुछ विदेशी मीडिया संस्थान करते हैं रिपोर्टिंग में पक्षपात
बीबीसी को हमेशा से इस बात की शिकायत सी रही है कि आखिर कभी ब्रिटेन का गुलाम बन चुका देश आज तरक्की के रास्ते पर क्यों है. यही वजह है कि यह मीडिया संस्थान हर ऐसी बात को भारत के विरोध में पेश करने से बाज नहीं आता जो अंतर राष्ट्रीय स्तर पर गलत तरीके से फैलाई जा सकती हो, पहलगाम हमले के बाद तो बीबीसी ने हद ही कर दी कि धर्म पूछ पूछ कर भारतीय पर्यटकों की हत्या करने वालों को हत्यारा या आतंकी कहने की हिम्मत जुटाने के बजाए उन्हें चरमपंथी जैसा शब्द दे रहा है जबकि चरमपंथी कोई तभी तक हो सकता है जबकि वह वैचारिक स्तर पर ऐसी बातें करता हो लेकिन यदि कोई हत्याएं करने लग जाए तो उसे हत्यारा ही कहना पड़ता है. बीबीसी की इस कारस्तानी पर अब सरकार की नजर है, यूं भी बीबीसी आर्थिक अपराधों में तो पकड़ा ही जा चुका है लेकिन फिर भी वह खुद को पाक साफ बताने में लगा रहता है. इस बार आतंकी हमले के बाद प्रोपेगेंडा फैलाने के मामले में उसे अब विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है. विदेश मंत्रालय ने पत्र लिखकर बीबीसी चीफ जैकी मार्टिन को कहा है कि अब रिपोर्टिंग को मॉनीटर किए जाने की जरुरत महसूस हो रही है. भारत विरोधी रवैये पर भारतीयों की भावनाएं बताते हुए कहा गया है कि बीबीसी आतंकियों को सही ठहराने की कोशिश में भी नजर आता है. बीबीसी की रिपोर्टिंग में बार बार भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को ‘इंडियन एडमिनिस्टर्ड कश्मीर’ लिखा जाता रहा है. न कभी बीबीसी यह बताता है कि पाकिस्तान ने एक बड़े भाग पर अनाधिकृत कब्जा कर रखा है.
वैसे बीबीसी की पहुंच भारत में होने के चलते हमें पता भी चल जाता है कि विदेशी मीडिया किस तरह भरत की छवि बिगाड़ने में जुटे हैं लेकिन ‘अल जज़ीरा’, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ और जर्मनी के डायचे वैले लगातार ऐसी ही रिपोर्टिंग करते रहे हैं जिससे भारत की छवि खराब बने. पहलगाम मामले में भी इन्होंने कहीं बंदूकधारी लिखा तो कहीं चरमपंथी लिखते हुए धर्म पूछने जैसे तथ्य भी छुपा लिए और हत्या करने वालों को हत्यारा कहने का साहस तो ये कभी जुटा ही नहीं सके.