Hamas Chief हानिया को लेकर ईरान पर भी शंका
ईरान कह रहा वह बदला लेगा लेकिन कई देश उस पर भी भरोसा नहीं कर रहे हैं
मसूद पेजेशकियन ने ईरान की कमान संभालने के लिए जो आयोजन किया वह उनके लिए बड़ा सिरदर्द बन गया, 70 से ज्यादा देशेां के प्रतिनिधि उनके इस आयोजन में शामिल होने पहुंचे उनमें से एक गाजा के प्रधानमंत्री माने जाने वाले और हमास के मुखिया हानिया भी शामिल थे जो इन दिनों कतर में रहते थे.
पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल में हमास के हमले के बाद जिस अंदाज में हानिया ने खुशी मनाई थी उसके बाद उन्हें एसेसी खुशी मनाने का कोई मौका इजराइल ने नहीं दिया. तीन महीने पहले फिलिस्तीन में ही उनके तीन बेटों और चार पोतों की हत्या हो जाने के बाद हानिया ज्यादा खतरनाक तो हो गए थे लेकिन वे अपने सीक्रेट ठिकानों से बाहर ही नहीं निकल रहे थे जबकि उनके दुश्मन उनके एक बार बाहर निकलने भर का इंतजार कर रहे थे.
नौ महीने बाद उनके दुश्मनों को यह पक्की खबर थी कि वे ईरान के नए मुखिया की ताजपोशी में जा रहे हैं और इस मौके को उनके दुश्मनों ने भुना लिया. ईरान गुस्से में है कि उसके स्टेट गेस्ट को इस तरह उसके देश के अंदर मार दिया गया लेकिन जब अभी तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी ही नहीं ली है तो गुस्सा भी किस पर किया जाए, स्वाभाविक शंका इजराइल अरैर उसकी एजेंसी मोसाद पर जाती है और ईरान उसी पर गुस्सा जता भी रहा है. हानिया की मौत ने हालात मुश्किल तो कर ही दिए हैं, ईरान कह रहा है कि वह अपने स्टेट गेस्ट की मौत का बदला लेगा लेकिन अमेरिका ने साफ कहा है कि वह ऐसे किसी भी मामले में इजराइल के साथ खड़ा होगा. उधर कुछ हमास समर्थक देश ऐसे भी हैं जो ईरान के गुस्से को झूठा करार दे रहे हैं क्योंकि उनका मानना है ईरान भरोसे के काबिल नहीं है और कोई बड़ी बात नहीं कि उसने ही दुश्मन से समझौता कर लिया हो. वैसे अयातुल्लाह खोमैनी मुस्लिम देशों को यह भरोसा दिलाने में जुटे हुए हैं कि वे दिलोजान से हानिया को पसंद करते थे और उनकी मौत से दुखी हैं लेकिन उनकी बातों पर भी पूरी तरह भरोसा नहीं कर पानो वालों की भी कमी नहीं है.