Gold Card यानी 44 करोड़ दें और अमेरिकी बन जाएं
अब तक लगभग पांच गुना सस्ते में मिल जाती थी ऐसी नागरिकता
अमेरिकी नागरिक बनाने के लिए ट्रंप ने ईबी5 वीजा को खत्म कर नया प्लान दे डाला है जिसे गोल्ड कार्ड नाम देकर नागरिकता की कीमत पांच गुना तक बढ़ा दी है. अमेरिकी नागरिकता के बदले जो भी 44 करोड़ रुपए देगा अमेरिका उसे गोल्ड सिटीजन मान लेगा. 5 मिलियन डॉलर (44 करोड़ भारतीय रुपए) में अमेरिकी नागरिकता को सस्ता माना जा रहा है हालांकि अभी मिल रही नागरिकता की दर से यह पांच गुना है लेकिन इसमें तेजी से नगारिकता मिलना तय होगा जबकि मौजूदा हालात में तो दशकों तक का इंतजार करना पड़ रहा है. वैसे यह ऑफर लिमिटेड सीट के लिए ही है यानी 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचा जाना तय हुआ है. ट्रंप का मानना है कि इस गोल्ड कार्ड से एकमुश्त पैसे के अलावा बहुत से टैक्स भी मिलेंगे और इससे राष्ट्रीय कर्ज का भुगतान जल्दी हो जाएगा.
मार्च में ही यह कार्ड देना शुरू कर दिया जाएगा. प्रशासन का मानना है कि इससे नागरिकता मामलों की धोखाधड़ी रुकेगी और नौकरशाही पर लगाम लगेगी. अमेरिका में स्थायी रुप से रहने के लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत होती है. 35 साल पुरानी इस व्यवस्था में अभी ईबी-1, ईबी-2, ईबी-3, ईबी-4 वीजा प्रोग्राम भी हैं लेकिन ईबी 5 वीजा प्रोग्राम सबसे पॉपुलर है. इस वीजा वाले अमेरिका में कहीं भी रहकर काम व पढ़ाई कर सकते हैं. ईबी-4 वीजा में एक मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश और दस से ज्यादा नौकरियां देने की यार्त थी. अब नए नियम में ऐसे भारतीय जो अमेरिकी नागरिकता को ईबी-5 से लेने वाले थे उनके लिए राहें मुश्किल होंगी. ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल्स को भी इस योजना से नुकसान संभव है लेकिन कई भारतीयों के लिए यह अच्छा अवसर भी है खासतौर पर उनके लिए जो वहां निवेश के साक्ा नौकरी देने वाले झमेले में फंसने के बजाए एकमुश्त पैसा देने को तैयार हैं. नया इमिग्रेशन सिस्टम उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा जो इतनी भारी कीमत नहीं चुका सकते.