Germany में दक्षिणपंथी मर्ज की पार्टी जीती
अवैध रुप से जर्मनी में रह रहे लोगों पर ट्रंप की ही तरह नाराज हैं मर्ज
अभी अमेरिका में पिछले ही महीने ट्रंप के शपथ लेने के बाद से लग रहे झटकों से कथित लिबरल खेमा उभर भी नहीं पाया था कि जर्मनी के चुनावों ने उन्हें एक और जख्म दे दिया है. जर्मनी के चुनाव में एंजेला मर्केल और ओलाफ शुल्ज का दबदबा तो खत्म हो ही गया है लेकिन बड़ी बात यह है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार घोर दक्षिणपंथी पार्टी ने जीत हासिल की है. नए चांसलर के नाम पर चर्चाएं जारी हैं और माना जा रहा है कि फ्रेडरिक मर्ज नए चांसलर बन सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो प्रवासियों को लेकर जो हालत ट्रंप प्रशासन की है कमोबेश वही जर्मनी में भी नजर आ सकती है.
मर्ज अवैध आप्रवासियों के मामले में पहले ही सख्त रुख दिखा चुके हैं और उनकी पार्टी का एजेंडा भी इस मामले में एकदम साफ है. एंजेला मर्केल ने जब जर्मनी को अवैध आप्रवासियों से भर देने की नीति लागू की थी तब भी मर्ज और उनकी पार्टी सीडीयू ने ऐसे कदमों का घोर विरोध किया था. सीडीयू/सीएसयू के गठबंधन ने मौजूदा चांसलर ओलाफ शोल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को पीछे छोड़ दिया है. नए चांसलर बनने जा रहे फ्रेडरिक मर्ज 1972 से सीडीयू पार्टी से जुड़े हैं. वे 1989 में यूरोपीय संसद, 1994 में जर्मनी के सांसद और 2000 में सीडीयू पार्टी के संसदीय नेता बने लेकिन 2009 में उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी. 2018 में उन्होंने फिर राजनीति में लौटने का निर्णय लिया. 2021 में वे तो सांसद बन गए लेकिन पार्टी चुनाव हार गई. 2022 में फ्रेडरिक मर्ज सीडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. मर्ज इन चुनावों में दो ही बड़े मुद्दों, अवैध आप्रवासी और अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर उतरे थे. हालांकि गठबंधन सरकार चलाना उनके लिए चुनौती होगी.