July 18, 2025
वर्ल्ड

French President को थप्पड़ और पत्नी जो कभी टीचर थीं

थप्पड़ से लाल गाल लेकिन मैक्रों ब्रिजिट को कुछ नहीं बोले
वियतनाम की यात्रा पर पहुंचे इमैनुएल मैक्रों को उनकी पत्नी ने प्लेन में ऐसे समय पर थप्पड़ जड़ दिया जब अगवानी के लिए बाहर खड़ा वियतनामी दल भी सबकुछ देख रहा था क्योंकि प्लेन के दरवाजे खुल चुके थे और मैक्रों ठीक सामने खड़े. लाल गाल सहलाते हुए नीचे उतरे मैक्रों ने अपनी पत्नी ब्रिजिट को कुछ नहीं कहा, आखिर ऐसी क्या वजह है कि ब्रिजिट से कुछ नहीं बाल सके मैक्रों? दरअसल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट के बीच उम्र का फासला 25 साल का है यानी मैक्रों अभी 47 के हैं और ब्रिजिट 72 की उम्र में हैं. मैक्रों पिछले 32 साल से ब्रिजिट के प्यार में हैं हालांकि उनके ओरिएंटेशन को लेकर और भी खबरें आती रहती हैं लेकिन सच यही है कि 15 साल की उम्र से अपनी टीचर ब्रिजिट के प्यार में पड़े मैक्रों ने 2007 में शादी के बाद प्रथम महिला बतौर ब्रिजिट के लिए खास कायदे बनवाए और उनका हक भी अलग से बढ़वाया. इस प्रेम कहानी में एक मजेदार फैक्टर यह भी है कि ब्रिजिट के तीन बच्चे हैं और उनकी लड़की ही मैक्रों की दोस्त थी जिसकी वजह से स्कूल में पढ़ रहे मैक्रों की अपनी टीचर से इस कदर दोस्ती हुई कि उन्होंने प्यार का इजहार ही कर दिया. तीन बच्चों की मां ब्रिजिट को पहले तो भरोसा ही नहीं हुआ, उसके बाद उन्होंने अपने तौर पर मैक्रों को समझाने की खूब कोशिशें कीं लेकिन मैक्रों इसी बात पर अड़े हुए थे कि जीवनसंगिनी कोई बन सकती है तो वह ब्रिजिट ही हैं.

ब्रिजिट के पहले पति आंद्रे ने धीरे धीरे खुद को अलग करना शुरु किया और फिर तो वो इस तरह गुमनाम रहने लगे कि अपने बच्चों से मिलने में भी उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही. इधर मैक्रों और ब्रिजिट ने उम्र की सीमा को पाटने का काम शुरु किया और आखिर इन दोनों ने आधिकारिक तौर पर शादी कर ही ली. 2021 में इमैनुएल और ब्रिगिट की शादी पर जो किताब सामने आई उसमें इन दोनों से जुड़े कई खुलासे हुए और ‘एवॉयर डिक्स-सेप्ट एन्स’ में ब्रिजिट की छोटी बेटी ने बताया कि उनके पिता ने गुमनामी में जाना बेहतर समझा लेकिन उन्होंने मैक्रों और बि्रजिट में से किसी को भी संबंधों को लेकर कुछ नहीं बोला. जिस अंदाज में आज मैक्रों को ब्रिजिट ने थप्पड़ जड़ा है उस पर मैक्रों की प्रतिक्रिया इसलिए भी ज्यादा नहीं थी क्योंकि अब भले उनकी पत्नी हों लेकिन कभी तो उन्हें पढ़ाने वाली टीचर ही थीं न ब्रिजिट.