June 11, 2025
वर्ल्ड

French Open Final ने बताया कि टेनिस का आने वाला दौर कितना रोचक होगा

– मयंक मिश्रा

अलकाराज और सिनर उसी राह पर हैं जिस पर कभी फेडरर और नडाल थे

टेनिस के बेहतरी के लिए इसमें नयी टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल से लेकर दर्शकों की सुविधाओं और नियमों में बदलाव अपनाये जा रहें हैं, मगर टेनिस का भला जितना इन सब ने मिलकर किया होगा उतना फ्रेंच ओपन के कल के फ़ाइनल ने अकेले ही कर दिया है. इस मैच ने दर्शकों ना सिर्फ एक यादगार मैच दिया है, बल्कि टेनिस को आगे देखते रहने की वजह भी दी है की आने वाले टूर्नामेंट्स में इन दोनों के बीच हो सकने वाले मैच और कितनी यादें बनाने वाले हैं. टेनिस का सबसे ज्यादा भला टेनिस खेलने वाले ही कर सकतें हैं , फेडरर और नडाल के मैचों ने जितना टेनिस को लोकप्रिय बनाया है, अलकाराज़ और सिनर के मैच भी उसी राह पर हैं, और ऐसे मैचों से दर्शकों को टेनिस की तरह खींच लाएंगे.
कार्लोस अलकाराज़ ने फ्रेंच ओपन के इतिहास के सबसे लंबे चले फ़ाइनल मैच में यानिक सिनर को पांच सेटों में हरा दिया, मैच में एक समय सिनर के पास 3 मैच पॉइंट भी थे, मगर चौथे सेट में यहां से अलकाराज़ ने मैच बचा लिया. इसके बाद भी सिनर के पास अपनी सर्विस पर मैच जीतने का मौका था मगर वे मैच नहीं जीत पाए. वैसे मैच की कहानी सिर्फ चौथे सेट में ही ऐसी नहीं थी. पूरा मैच ही कुछ ऐसा था की ऊंट को भी नहीं पता था की वो किस करवट बैठने वाला है.
ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद सिनर पर डोपिंग के चलते 3 महीनों का बैन लगा था और उन्होंने इस वक़्त में क्ले कोर्ट की काफी प्रैक्टिस की थी जो कि उनके फ्रेंच ओपन में खेल पर दिखाई भी दे रही थी. वे बिना एक भी सेट हारे फाइनल तक पहुंचे थे, और जोकोविच को जिस तरह उन्होंने तीन सेटों में हराया वो बता रहा था कि सिनर फ्रेंच ओपन जीत सकने की दावेदारी में सबसे आगे हैं, वहीं अलकाराज़ का फ़ाइनल तक का सफर थोड़ा चुनौतियां भरा रहा था. खासकर सेमीफाइनल में वे थोड़े खुशकिस्मत रहे की मुसेटी जो उनसे अच्छा खेल रहे थे, चोटिल हो गए थे और अलकाराज़ सेमीफाइनल जीत गए. मगर अलकाराज़ शायद ऐसे ही हैं, उनकी लापरवाही से खेलने के बीच में फिर से अपने बेस्ट खेलने की जो काबिलियत है, वही उनको कामयाबी दिला रही है. उनके सामने वाले खिलाड़ी के लिए यह भांपना कि अलकाराज़ अब मैच में हार मान गए हैं, बेहद मुश्किल है.

कल का यह फ़ाइनल काफी हद तक 2008 के विंबलडन फ़ाइनल जैसा था जिसमें फेडरर को नडाल ने हराया था. फेडरर को उस समय किसी और खिलाड़ी के लिए हराना लगभग नामुमकिन था, मगर फेडरर नडाल से नहीं जीत पा रहे थे, ठीक वैसे ही अभी सिनर सिर्फ अलकाराज़ से ही हार रहें हैं. वो फ़ाइनल जीतकर नडाल ने अपना पांचवा ग्रैंड स्लैम जीता था और कल अलकाराज़ भी पांच ग्रैंड स्लैम जीतने वाले खिलाडी बन गए हैं और पांचवा ग्रैंड स्लैम जीतते वक़्त नडाल व अलकाराज़ की उम्र भी बराबर की ही थी. इतिहास खुद को दोहराने की शुरआत कर चुका है, यह दौर सिनर और अलकाराज़ का है और यह दौर कितना रोमांचक हो सकता है इसकी झलक दिखाई तो दे ही गयी है.