France में चुनावी हिंसा, अप्रत्याशित नतीजे
फ्रांस में अब तक सभी जमीनी और सर्वे वाले नतीजों में मेरिन ली पेन की जीत तय बताई जा रही थी और सारे संकेत इसी ओर थे लेकिन जब नतीजे आए तो लेफ्ट पार्टी एनएफपी 577 में से 182 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बतौर उभर आई. इसखबर के आते ही फ्रांस में उपद्रव शुरु हो गए और घुसपैठियों ने हंगामा मचाते हुए पेरिस सहित पूरे देश में उत्पात मचाना शुरु कर दिया. सभी जगह फिलिस्तीन के झंडे ले लेकर यह प्रदर्शन किया जाने लगा कि अब फ्रांस में शरिया कानून लागू किया जाना चाहिए. इन हालात के बीच वर्तमान प्रधानमंत्री गेब्रियल एट्टल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति मैक्रों को सौंप दिया है. जिस तरह के नतीजे आए हैं उसके बाद यह राष्ट्रपति के विवेक पर ही अधिक निर्भर करेगा कि वे किसे प्रधानमंत्री की तरह देखना चाहतें हैं. माना यह जा रहा है कि 30 जून के मेरिन ली पेन के प्रदर्शन के बाद मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी के साथ वाम माेर्चे ने समझौता कर लिया और उसी का नतीजा है कि मेरिन की नेशनल रैली पार्टी 142 के आपास आकर रुक गई जबकि न्यू पॉपुलर फ्रंट और उनके सहयोगी 187 तक पहुंच गए और मैक्रों की सेंट्रिस्ट पार्टी के मोर्चे ने 159 सीटें हासिल कर लीं. पहले राउंड में राइट विंग के शानदार प्रदर्शन के बाद मध्य और वाम पार्टियों ने जो रणनीति बदली उसके चलते मेरिन की हार घोषित हो गई लेकिन इसके बाद जो हालात फ्रांस में बने हें उन्हें बेकाबू हालात भी कहा जाना गलत नहीं होगा.
