Epstine List जिसने ट्रंप की नींदें कर रखी हैं हराम
2008 में पहली बार पकड़ा गया था एपस्टीन अब तक चल रहा उसकी फाइलों को लेकर हंगामा
अमेरिकी राजनीति में जितना हल्ला टैरिफ वॉर से लेकर ईरान युद्ध तक का नहीं रहा उससे ज्यादा हंगामा जेफ्री एपस्टीन फाइल्स को लेकर है, हालत ये है कि कभी ट्रंप के साथी रहे मस्क उन्हें इन फाइल्स के नाम पर नीचा दिखा रहे हैं और खुद ट्रंप की टीम में भी इससे जुड़ी एक लिस्ट के होने या न होने को लेकर दो फाड़ हो चुकी है. क्या है पूरा मामला आइये बिंदुवार समझें…
क्या है एपस्टीन फाइल्स- जेफ्री एपस्टीन एक अमेरिकी फाइनेंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोप था और यह काफी बड़े लोगों को लड़कियों की सप्लाई करने के लिए कुख्यात था.
- 2008 में जेफ्री पकड़ा तो गया लेकिन उसे इतनी कम सजा मिली की “प्ली डील” कहा गया, काफी हंगामे के बावजूद एपस्टीन बचा रहा और लगभग एक दशक बाद फिर गिरफ्तार किया गया.
- 2019 में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया और जेल में उसकी मौत हो गई, इसे आत्महत्या बताया गया लेकिन उसकी मौत विवादों में बनी रही.
- उसकी मौत को लेकर कहा गया कि उसे चुप कराने के लिए मार दिया गया.
- एपस्टीन की संपर्क सूची में जिन हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम शामिल बताए गए उनमें बिल क्लिंटन और प्रिंस एंड्रयू जैसे नाम भी थे लेकिन फिलहाल मुद्दा यह है कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम उस सूची में था भी या नहीं.
2025 में एपस्टीन फाइल्स को लेकर काफी सारा डाटा सार्वजनिक किया गया और यह डाटा 300 जीबी से ज्यादा होने की बात कही गई. - अमेरिकी न्याय विभाग के द्वारा जारी डाटा में ऐसी कोई लिस्ट नहीं थी जिसे एपस्टीन लिस्ट कहा जा सके जबकि पहले यही बताया गया था कि ऐसी लिस्ट मौजूद है.
- जो डाटा सामने आया उसमें फ्लाइट लॉग्स, संपर्क पुस्तिकाएं और जांच रिपोर्ट शामिल थीं.
- DOJ ने स्पष्ट किया कि कोई “क्लाइंट लिस्ट” मौजूद नहीं है.
- वीडियो फूटेज भी जारी किया गया, जिसमें एपस्टीन की जेल में आत्महत्या दिखाई गई.
- इस फूटेज को एडिट किए जाने के आरोप लगे और कहा गया कि इसमे से एक मिनट का महत्वपूर्ण गायब था, जिससे साजिश की आशंका फिर से बढ़ी.
इस सबमें अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का रोल संदेह के घेरे में इसलिए आ गया क्योंकि उन्होंने पहले कहा था कि उनकी टेबल पर क्लाइंट लिस्ट मौजूद है जिस पर उन्हें फेसला लेना है, कुछ दिनों बाद उन्होंने ऐसी कोई लिस्ट होने से इंकार कर दिया.
-ट्रंप के समर्थकों को ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के नारे के साथ जिस पारदर्शिता की बात कही गई थी उसे लेकर सवाल उठे कि एपस्टीन फाइल्स में से क्या छुपाया जा रहा है. बॉन्डी पर धोखा देने के आरोप लगे. - बात इतनी बढ़ गई कि ट्रंप के ही प्रशासन के दो धड़े आपस में लड़ बैठे. एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डैन बॉन्गिनो ने इस्तीफा देने की धमकी दी और यह कहा गया कि एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल भी बॉन्डी के विरोध में इस्तीफा दे सकते हैं.
- ट्रंप ने बॉन्डी के प्रति समर्थन दिखाते हुए कहा कि एपस्टीन मुद्दे सिवा “डिस्ट्रैक्शन” के और कुछ नहीं है. काश पटेल ने इस्तीफे की संभावना से इंकार किया लेकिन मुद्दे पर चुप्पी बना ली.
- प्रभावशाली माइकल फ्लिन ने ट्रंप को सीधे संदेश भेजकर कह दिया कि “यह मामला खत्म नहीं हुआ है.”
- एक अन्य नेता मेगन केली ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ छुपाया जा रहा है.
- सोशल मीडिया पर क्लाइंट लिस्ट रिलीज करने को लेकर हैशटेग चल पड़े और मुद्दा ट्रेंड करने लगा.
- बॉन्डी की लोकप्रियता काफी तेजी से गिरी.
-नई पार्टी बना चुके एलन मस्क ने अपने नएदुश्मन बने ट्रंप के लिए दावा किया कि ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में है इसलिए लिस्ट सामने नहीं लाई जा रही है. - मस्क ने ट्रंप को डीप स्टेट का हिस्सा बताते हुए इन फाइल्स के नामों को भी इसेसे जोड़ा.
- 2025 के अंत तक और दस्तावेज़ सार्वजनिक होने की संभावना जताई जा रही है और कहा जा रहा है कि यह पूरे कागजात सामने रखने का मौका होगा.
- एपस्टीन केस अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक हथियार बन चुका है.
-एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर काम पर लौट आए हैं.