Deport Case इन हथकड़ियों को अभी नहीं खोला जाना चाहिए
इंडी वाले जिनके समर्थन में तख्तियां लिए खड़े हैं उनका अपराध भी तो देखें
अमेरिका से भारत डिपोर्ट किए गए लोगों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि इन्हें हथकड़ी क्यों लगाई गई. कमाल यह है कि डंकी रूट से जाने वाले ये सभी कितने स्तर पर अपराध कर चुके हैं क्योंकि सबसे पहले तो इन्होंने न देश के नियमों को माना और न उस देश के नियमों को जहां ये भविष्य बनाने गए थे. इन्हें हथकड़ी लगाए जाने के सवाल पर जवाब तो यही आना चाहिए कि सिर्फ हथकड़ी में यहां लाए नहीं गए हैं बल्कि इन्हें भारत में भी जेल में ही रहना होगा. इन्होंने देश की छवि दुनिया के सामने खराब की है, नियमों को धता बताई है और ऐसे अपराधियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है जो लोगों को बड़े बड़े सपने दिखाकर उनसे पैसा ठगते हैं और इस फेर में जान तक की परवाह नहीं करते. यूं भी अमेरिका में किसी भी अपराध के मामले में चाहे वह यातायात नियम तोड़ना ही क्यों ना हो हथकड़ी लगाना सामान्य प्रक्रिया है फिर ये तो वो लोग हैं जो इस सुपरपॉवर की सीमाओं को चकमा देते हुए वहां के नागरिक बनकर रह रहे थे. ट्रंप जो कर रहे हैं उसमें नया कुछ भी नहीं है बल्कि हर देश को ऐसे ही सख्त कदम उठाना चाहिए. इस बात को दूसरे नजरिए से देखिए, यदि भारत ने आज 18000 लोगों को वापस लेने की बात पर कान दिए हैं तो क्या यहां भरत में रह रहे लाखों ऐसे ही घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाने की उसकी राह खुद ब खुद नहीं खुल जाती?
यह जरुरी है कि लोगों को बताया जाए कि आपको सारे काम नियम के अनुसार ही करने होंगे वरना आपके लिए उस देश में तो कोई जगह नहीं है जहां आप घुसपैठ कर रहे हैं. भारत के लिए ट्रंप प्रशासन से ही नहीं दुनिया भर से ऐसे लोगों को वापस लेना ही बेहतर विकल्प था लेकिन यह विकल्प यदि सभी घुसपैठियों को बाहर करने की राह नहीं बनाता है तो जरुर हमें सोचना चाहिए कि गड़बड़ कहां है. आप यकीन करें कि जो लोग आज इन दुनिया के सामने भररत को शर्मसार करने वालों के पक्ष में संसद के बाहर तख्तियां लेकर खड़े हैं वो भी भारत की छवि खराब करने के बराबर के जिम्मेदार हैं और इसमें सिमरनजीत सिंह मान जैसे वे सांसद तो बड़ी भूमिका में रहे हैं जो विदेश में शरण के लिए लोगों को पैसा लेकर यह सिफारिश कराते थे कि इन्हें दूसरे देश में बसने की अनुमति दी जाए क्योंकि इनकी जान को भारत में खतरा है. इन हथकड़ियों को अभी कायम रहना चाहिए बल्कि इनका उदाहरण ऐसे लोगों के सामने पहुंचना चाहिए जो डंकी रूट्स से जाकर, फर्जीवाड़ा कराकर भारत की छवि विदेश में खराब करते हैं.